सावन की रात में बिजली बनी काल! कांवर यात्रा में मौत का हाईटेंशन जाल….7 श्रद्धालुओं की झुलसकर दर्दनाक मौत….प्रशासन पर उठे सवाल….

सावन की रात में बिजली बनी काल! कांवर यात्रा में मौत का हाईटेंशन जाल….7 श्रद्धालुओं की झुलसकर दर्दनाक मौत….प्रशासन पर उठे सवाल….

भागलपुर (बिहार) :शिवभक्ति में लीन कांवरियों का एक जत्था सोमवार रात जब सुल्तानगंज की ओर बढ़ रहा था, तो किसी को अंदाज़ा भी नहीं था कि यह यात्रा मातम में बदल जाएगी। श्रद्धा से भरी यह रात, हाईटेंशन तारों के कहर में तब्दील हो गई — और सात लोगों की जिंदगी एक झटके में खत्म हो गई

क्या हुआ उस रात?

शाहकुंड-सुल्तानगंज मुख्य मार्ग पर कांवरियों की भीड़ में अफरा-तफरी मच गई जब एक झूलता हुआ हाईटेंशन तार अचानक उनके संपर्क में आ गया। तेज करंट ने मौके पर ही 7 कांवरियों की जान ले ली, जबकि दर्जनों घायल हो गए।

चश्मदीदों की माने तो यह हादसा ‘इत्तेफाक’ नहीं, लापरवाही का नतीजा है।

 घायलों की हालत गंभीर, परिजन बेहाल

घायलों को फौरन अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कई की हालत नाज़ुक बनी हुई है। वहीं परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।

 प्रशासन और बिजली विभाग की लापरवाही?

स्थानीय लोगों का आरोप है कि हाईटेंशन लाइन पहले से ही काफी नीचे झूल रही थी, जिसकी शिकायत कई बार की गई थी। बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हुई — और अब इसकी कीमत सात निर्दोष श्रद्धालुओं की जान से चुकानी पड़ी।

 मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया और मुआवज़ा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए ₹5 लाख मुआवज़े का ऐलान किया है। साथ ही घायलों को बेहतर इलाज देने के निर्देश दिए गए हैं।
CMO ने स्पष्ट किया है — “दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”

 कांवर यात्रा की सुरक्षा पर फिर उठे सवाल

हर साल लाखों कांवरिए इस पवित्र यात्रा में भाग लेते हैं, लेकिन ऐसी घटनाएं यह सवाल उठाती हैं कि धार्मिक आयोजनों के दौरान प्रशासन कितनी गंभीरता दिखाता है?
क्या इनकी सुरक्षा सिर्फ भरोसे पर टिकी है?

जनता सड़कों पर – ‘ये हादसा नहीं हत्या है!’

घटना के बाद से ही स्थानीय लोग बिजली विभाग के खिलाफ उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं। कई जगहों पर सड़क जाम, टायर जलाकर विरोध, और जिम्मेदार अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की जा रही है।

 श्रद्धांजलि उन श्रद्धालुओं को जो शिवभक्ति की राह में शहीद हो गए…

उनकी मौत ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। अब देखना ये है — क्या सिस्टम जागेगा या फिर एक और हादसे का इंतज़ार करेगा?

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