केरल में बड़ा झटका: तीन डोज़ वैक्सीन के बाद भी नहीं बची बच्ची, रेबीज से मौत
एक महीने में रेबीज से तीसरी मौत, आवारा कुत्तों के हमलों पर उठा सवाल

केरल में बड़ा झटका: केरल के कोल्लम जिले में एक सात वर्षीय बच्ची निया फैसल की रेबीज संक्रमण से मौत ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। चिंता की बात यह है कि निया को एंटी-रेबीज वैक्सीन की तीन खुराकें दी गई थीं, इसके बावजूद उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। यह मामला पिछले एक महीने में रेबीज से किसी बच्चे की तीसरी मौत है, जिससे राज्य में आवारा कुत्तों के बढ़ते खतरे और वैक्सीन की प्रभावशीलता पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
केरल में बड़ा झटका: घर के बाहर खेलते वक्त हुआ हमला
8 अप्रैल को निया को एक आवारा कुत्ते ने तब काट लिया, जब वह अपने घर के बाहर खेल रही थी। उसे तुरंत स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहाँ तीन डोज़ एंटी-रेबीज वैक्सीन दी गईं। कुछ दिनों बाद उसे तेज़ बुखार आया और जब तिरुवनंतपुरम के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज स्थित SAT अस्पताल में जांच की गई, तो रेबीज संक्रमण की पुष्टि हुई। तमाम कोशिशों के बावजूद डॉक्टर उसकी जान नहीं बचा सके।
केरल में बड़ा झटका: गर्दन, चेहरा और हाथ पर काटा था कुत्ते ने
SAT अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार, निया को गर्दन, चेहरे और हाथ पर गहरे ज़ख्म आए थे। ये ऐसे हिस्से हैं जहां नसों का घनत्व बहुत अधिक होता है। डॉक्टरों ने बताया, “अगर वायरस नसों के ज़रिए सीधे मस्तिष्क तक पहुंच जाए, तो वैक्सीन का असर होने से पहले ही वायरस घातक रूप ले सकता है।”
केरल में बड़ा झटका: सरकारी प्रतिक्रिया और चुनौतियाँ
इस दुखद घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के लोकल सेल्फ गवर्नमेंट मिनिस्टर एम.बी. राजेश ने केंद्र सरकार के एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) नियमों में बदलाव की मांग की। उन्होंने कहा कि मौजूदा नियमों के अनुसार, सिर्फ़ अनुभवी डॉक्टर ही ऑपरेशन कर सकते हैं और कुत्ते को सर्जरी के बाद उसी इलाके में छोड़ा जाता है, जिससे खतरा बना रहता है।
राज्य सरकार के पास फंड की कोई कमी नहीं है, लेकिन जनता के विरोध के चलते ABC सेंटर स्थापित करने में भारी अड़चनें आ रही हैं। अब तक 30 ऐसे केंद्र भारी विरोध के बाद ही बन पाए हैं।