झारखंड में बड़ा जमीन घोटाला: सीसीएल की आम्रपाली-चंद्रगुप्त परियोजना में 417 एकड़ वन भूमि का हेराफेरी मामला उजागर
Big land scam in Jharkhand: Fraud of 417 acres of forest land exposed in CCL's Amrapali-Chandragupta project

रांची/हजारीबाग: झारखंड के हजारीबाग जिले में स्थित सीसीएल (सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड) की आम्रपाली-चंद्रगुप्त परियोजना से जुड़ी 417 एकड़ भूमि घोटाले का खुलासा हुआ है। सीआईडी की जांच में सामने आया है कि यह सुनियोजित साजिश थी, जिसमें कागजातों में हेराफेरी कर जमीन का गलत इस्तेमाल किया गया। जांच के बाद सीआईडी ने राज्य सरकार से दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा की है।
बिना जमीन की प्रकृति के जारी किया गया प्रमाण पत्र
सीआईडी ने जांच में पाया कि परियोजना को प्रमाण पत्र जारी करने से पूर्व जमीन की प्रकृति, खाता संख्या, प्लॉट संख्या और अन्य महत्वपूर्ण विवरणों को नजरअंदाज कर दिया गया। बिना वन विभाग व अन्य संबंधित विभागों से पुष्टि लिए ही भू-प्रमाण पत्र जारी किया गया, जो नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।
केरेडारी सीओ ने की प्लॉट विवरणी में छेड़छाड़
जांच में यह भी सामने आया कि केरेडारी अंचल अधिकारी (सीओ) ने भूमि संबंधित विवरणी में पेंसिल से छेड़छाड़ कर प्लॉट व रकबा में हेराफेरी की। चट्टीबरियातू, पचड़ा और बघई खाप क्षेत्र की भूमि विवरणी में फर्जी तरीके से अलग-अलग आंकड़े अंकित किए गए। जून 2021 में सीओ द्वारा भेजी गई रिपोर्ट में जमीन की प्रकृति को “जंगल-झाड़ी” बताया गया था, लेकिन बाद में इसे बदल दिया गया।
तत्कालीन डीसी की भूमिका पर भी सवाल
सीआईडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि तत्कालीन हजारीबाग डीसी ने परियोजना पदाधिकारी द्वारा भेजी गई अधूरी व संदिग्ध विवरणी को लेकर न तो जिम्मेदारी तय की और न ही आवश्यक दस्तावेज हासिल करने का प्रयास किया। वर्ष 2022 में भेजे गए दस्तावेजों में खाता संख्या और जमीन की प्रकृति नहीं थी, बावजूद इसके डीसी कार्यालय की ओर से आपत्ति नहीं जताई गई।
गृह विभाग को सीआईडी की रिपोर्ट, कार्रवाई की सिफारिश
डीजीपी के निर्देश पर सीआईडी के आईजी ने पूरी रिपोर्ट गृह विभाग को भेज दी है, जिसमें तत्कालीन डीसी, सीओ और परियोजना पदाधिकारियों की भूमिका की जांच कर सख्त कार्रवाई की सिफारिश की गई है।