चक्रधरपुर में अवैध खनन पर बड़ी कार्रवाई…संत जेवियर स्कूल में छापा, 44,000 सीएफटी बालू और 1800 सीएफटी गिट्टी जब्त
Major action against illegal mining in Chakradharpur... Raid at St. Xavier's School, 44,000 CFT sand and 1800 CFT ballast seized

चक्रधरपुर : झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिला में डीसी चंदन कुमार के आदेश पर लगातार बालू गिट्टी के अवैध खनन, परिवहन और भंडारण पर छापामारी की जा रही है। इसी क्रम में चक्रधरपुर के संत जेवियर स्कूल में गुरुवार को खनन विभाग द्वारा छापेमारी की गई। इस कार्रवाई में विभाग द्वारा संत जेवियर स्कूल में अवैध रूप से भंडारण किए गए भारी मात्रा में बालू और गिट्टी का ढेर जब्त किया गया। जानकारी के मुताबिक विभाग द्वारा तक़रीबन 44,000 सीएफटी बालू और 1800 सीएफटी गिट्टी जब्त किया गया है। मौके पर खनन विभाग के खान निरीक्षक निखिल दास और चक्रधरपुर के अंचल अधिकारी सुरेश कुमार सिन्हा सहित चक्रधरपुर थाना के पुलिस जवान मौजूद थे।

दरअसल, खनन विभाग को गुप्त सूचना मिली थी कि संत जेवियर स्कूल में भारी मात्रा में अवैध रूप से बालू और गिट्टी का भंडारण किया गया है। इस सूचना पर चक्रधरपुर सीओ सुरेश कुमार सिन्हा के सहयोग के साथ विभाग के खान निरीक्षक निखिल दास ने चक्रधरपुर पुलिस के साथ मिलकर संत जेवियर स्कूल में शुक्रवार को सुबह 10.30 बजे धावा बोला। पुलिस और खनन विभाग के पदाधिकारियों को देख स्कूल प्रबंधन सकते में आ गया। इससे पहले कि स्कूल प्रबंधन कुछ समझ पाता, खान निरीक्षक निखिल दास ने स्कूल के खेल मैदान में भंडारित किये गए 44,000 सीएफटी बालू और 1800 सीएफटी गिट्टी के ढेर को कब्जे में ले लिया। स्कूल परिसर में इतनी बड़ी मात्रा में बालू-गिट्टी का भंडारण देख अधिकारी भी हैरान रह गए। विभाग द्वारा भंडारित बालू-गिट्टी का आकलन किया गया और इससे जुड़े कागजात की मांग स्कूल में मौजूद प्रबंधन के प्रमुख लोगों से की गई।

हैरत की बात यह रही कि स्कूल में प्रिंसिपल सहित कोई भी प्रबंधन का प्रमुख मौजूद ही नहीं था। खनन विभाग के अधिकारी और सीओ पूरा स्कूल ढूंढते रह गए, लेकिन किसी ने भी स्कूल के खेल मैदान में भंडारित किए गए बालू और गिट्टी की न तो सटीक जानकारी दी, ना ही कोई कागजात अधिकारियों के समक्ष पेश कर पाए।

किसी के पास यह जानकारी ही नहीं थी कि इतने बड़े पैमाने पर बालू-गिट्टी का भंडारण स्कूल में किसने किया। इस बालू-गिट्टी का प्रयोग कहां होना था, किसके पास इसके कागजात हैं। किसी के पास भी स्कूल में इन सवालों का जवाब नहीं था। इसके बाद अधिकारियों ने स्कूल कैम्पस में ही 44,000 सीएफटी बालू और 1800 सीएफटी गिट्टी जब्त कर इसकी जब्ती सूची बनाई। जब्ती के दौरान स्कूल के शिक्षक और क्लर्क मौजूद थे।
स्कूल कैंपस में बालू-गिट्टी का भंडारण प्रथम दृष्टया अवैध : CO
सीओ सुरेश कुमार सिन्हा ने कहा कि स्कूल कैंपस में बालू-गिट्टी का भंडारण प्रथम दृष्टया अवैध नजर आता है। क्योंकि, इतनी भारी मात्रा में निर्माण के लिए भंडारण की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती है। स्कूल प्रबंधन द्वारा कोई जानकारी नहीं दी गई, ना कागजात भी उपलब्ध कराया गया है। इसलिए सभी बालू और गिट्टी को जब्त कर लिया गया है। आगे की कार्रवाई खनन विभाग द्वारा की जाएगी।
एनजीटी की रोक के बाद छापामारी
एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने 10 जून से 15 अक्टूबर तक बालू उत्खनन पर रोक लगा दिया है। इसे लेकर डीसी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है कि बालू-गिट्टी के अवैध खनन, परिवहन और भंडारण पर नजर रखी जाए और कार्रवाई की जाए। डीसी के इस आदेश का अनुपालन करते हुए छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है। बुधवार को ही एसडीओ ने अवैध बालू लदे 10 ट्रैक्टर को पकड़ा था और अब स्कूल में छापेमारी की गई।
छापेमारी शुरू होते ठेकेदार और प्रिंसिपल हुए गायब
अधिकारियों के अनुसार, छापेमारी की खबर पाकर स्कूल के प्रिंसिपल और ठेकेदार स्कुल से गायब हो गए थे। इधर खनन विभाग के अधिकारी बालू-गिट्टी जब्त कर रहे थे। वहीं, दूसरी तरफ स्कूल से प्रिंसिपल चर्च में बैठे थे। लोगों का कहना है कि चर्च में भी भारी मात्रा में बालू का भंडारण किया गया है। बालू के इस अवैध भंडार को साफ़ तौर पर चर्च के गेट से देखा जा सकता है। इधर स्कूल के कर्मचारियों ने बताया कि प्रिंसिपल बाहर गए हैं, इसलिए कागज नहीं दे पा रहे।