कौन हैं संजय मल्होत्रा, जिन्हें RBI का नया गवर्नर बनाया गया…जानिए

केंद्र की मोदी सरकार ने राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ​​को अगला रिजर्व बैंक गवर्नर नियुक्त किया है.1990 बैच के राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी मल्होत्रा, शक्तिकांत दास की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल मंगलवार (10 दिसंबर, 2024) को खत्म हो रहा है. बता दें कि, मल्होत्रा ​​आरबीआई के 26वें गवर्नर के तौर पर काम करेंगे. हालांकि, इससे पहले साल 2022 में डिपाटर्मेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज (DFS) के सचिव संजय मल्होत्रा को केंद्र ने रिजर्व बैंक (RBI) के डायरेक्टर के रुप में नामांकित किया था.

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, राजस्व सचिव संजय मलोथरा को 9 दिसंबर को तीन साल की अवधि के लिए आरबीआई गवर्नर नियुक्त किया गया. आधिकारिक बयान में इस निर्णय की घोषणा की गई. वहीं, अपने 33 साल से ज्यादा के करियर में नेतृत्व और उत्कृष्टता का प्रदर्शन करने वाले मल्होत्रा ​​ने बिजली, वित्त और कराधान, सूचना प्रौद्योगिकी, खान आदि सहित कई क्षेत्रों में काम किया है.

जानिए कौन हैं RBI के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा?

संजय मल्होत्रा ​​1990 बैच के राजस्थान कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं. उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर से कंप्यूटर विज्ञान में इंजीनियरिंग स्नातक की उपाधि प्राप्त की है और प्रिंसटन विश्वविद्यालय, अमेरिका से सार्वजनिक नीति में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की है.

शक्तिकांत दास की जगह लेंगे संजय मल्होत्रा

वहीं, संजय मल्होत्रा शक्तिकांत दास की जगह लेंगे, जिन्हें केंद्रीय बैंक के गवर्नर के रूप में तीसरे कार्यकाल के लिए विस्तार दिया जाना था, जिससे उनका नेतृत्व दिसंबर 2026 तक बढ़ जाएगा. नए आरबीआई गवर्नर के रूप में मल्होत्रा ​​को मुद्रास्फीति के प्रबंधन और स्थिर आर्थिक विकास सुनिश्चित करने की दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ेगा. बीते 30 सालों से मल्होत्रा पावर, फाइनेंस, टैक्सेशन, आईटी और माइंस जैसे विभागों में अपनी सेवा दे चुके हैं.

जानें संजय मल्होत्रा ने कौन-कौन से पदों पर जिम्मेदारी निभाई?

अपने पिछले कार्यभार में, उन्होंने भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के तहत वित्तीय सेवा विभाग में सचिव का पद संभाला था. संजय मल्होत्रा को राज्य और केंद्र सरकार में वित्त और कराधान में व्यापक अनुभव है. दिसंबर 2022 से राजस्व सचिव के रूप में, मल्होत्रा ​​ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों दोनों के लिए कर नीतियों को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उनके नेतृत्व ने कर संग्रह को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो भारत के राजकोषीय स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है.

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