जानिये कब से शुरू होगा सावन का महीना? कितने सोमवार व्रत होंगे इस बार….

धनबाद : सावन के महीने का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व है। क्योंकि श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा-आराधना का विशेष विधान है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह महीना वर्ष का पांचवां माह है और अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार सावन का महीना जुलाई-अगस्त में आता है। इस दौरान सावन सोमवार व्रत का सर्वाधिक महत्व बताया जाता है। दरअसल श्रावस मास भगवान भोलेनाथ को सबसे प्रिय है। इस माह में सोमवार का व्रत और सावन स्नान की परंपरा है। श्रावण मास में बेल पत्र से भगवान भोलेनाथ की पूजा करना और उन्हें जल चढ़ाना अति फलदायी माना गया है। शिव पुराण के अनुसार जो कोई व्यक्ति इस माह में सोमवार का व्रत करता है भगवान शिव उसकी समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं। सावन के महीने में लाखों श्रद्धालु ज्योर्तिलिंग के दर्शन के लिए हरिद्वार, देवघर, उज्जैन, नासिक समेत भारत के कई धार्मिक स्थलों पर जाते हैं।

सावन के महीने का प्रकृति से भी गहरा संबंध है क्योंकि इस माह में वर्षा ऋतु होने से संपूर्ण धरती बारिश से हरी-भरी हो जाती है। ग्रीष्म ऋतु के बाद इस माह में बारिश होने से मानव समुदाय को बड़ी राहत मिलती है। इसके अलावा श्रावण मास में कई त्यौहार भी मनाये जाते हैं।

सावन का महीना इस साल 14 जुलाई से शुरू होगा और 12 अगस्त तक रहेगा.

इस बार सावन के 4 सोमवार व्रत पड़ेंगे

  • 14 जुलाई – श्रावण मास का पहला दिन
  • 18 जुलाई – पहला सावन सोमवार व्रत
  • 25 जुलाई – दूसरा सावन सोमवार व्रत
  • 1 अगस्त – तीसरा सावन सोमवार व्रत
  • 8 अगस्त – चौथा सावन सोमवार व्रत
  • 12 अगस्त – श्रावण मास का अंतिम दिन
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सावन के व्रत

सावन के इस पवित्र महीने में भक्तों के द्वारा तीन प्रकार के व्रत रखे जाते हैं:

सावन सोमवार व्रत : श्रावण मास में सोमवार के दिन जो व्रत रखा जाता है उसे सावन सोमवार व्रत कहा जाता है। सोमवार का दिन भी भगवान शिव को समर्पित है।
सोलह सोमवार व्रत : सावन को पवित्र माह माना जाता है। इसलिए सोलह सोमवार के व्रत प्रारंभ करने के लिए यह बेहद ही शुभ समय माना जाता है।
प्रदोष व्रत : सावन में भगवान शिव एवं माँ पार्वती का आशीर्वाद पाने के लिए प्रदोष व्रत प्रदोष काल तक रखा जाता है।

श्रावण मास में जरूर करना चाहिए ये काम

इस महीने शिवजी का अभिषेक करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है. महादेव की तीन प्रिय चीजें भांग, धतूरा और बेलपत्र होता है. पूजा में अगर भगवान के ये चढ़ा दे तो उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है. साथ ही जीवन में विवाह संबंधी कोई परेशानी हो तो वह भी दूर होती है। सावन में प्रत्येक सोमवार को व्रत करने से असीम सुख और शांति की प्राप्ति होती है.

पूजन विधि

  1. सावन में प्रत्येक दिन सूर्योदय से पहले जागें और स्नान कर शिवलिंग पर दूध चढ़ाकर महादेव के व्रत का संकल्प लें.
  2. सुबह-शाम भगवान शिव की प्रार्थना करें.
  3. पूजा के लिए तिल के तेल का दीया जलाए और भगवान शिव को सफेद या धतूरे का पुष्प अर्पित करें.
  4. शिव मंत्र का जाप या शव चालिसा का जाप करते हुए शिव को सुपारी, पंच अमृत, नारियल और बेल की पत्तियां चढ़ाएं.

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