झारखंड में नक्सल बंद के दौरान सुरक्षाबलों को खतरा, अलर्ट जारी; जानें पूरी बात
Security forces are in danger during Naxal strike in Jharkhand, alert issued; Know the full story

3 अगस्त को झारखंड- बिहार समेत पांच राज्यों में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों ने बंद का ऐलान किया है. वहीं नक्सलियों के बंद को लेकर झारखंड पुलिस ने अलर्ट मोड में है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस मुख्यालय के द्वारा यह अंदेशा जताया गया है कि इस दौरान नक्सली पुलिस पर हमला कर सकते हैं. इसे देखते हुए विशेष रूप से सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं.
गौरतलब है कि भाकपा माओवादियों ने 3 अगस्त को पांच राज्यों में बंद का ऐलान किया है. इसके साथ ही टॉप कमांडर बसवा राज और विवेक के शहीद होने को लेकर स्मृति दिवस मनाने का भी ऐलान किया है.
अलर्ट मोड पर झारखंड पुलिस
जानकारी के अनुसार, नक्सलियों के बंद की सूचना और सर्कुलर की जानकारी मिलने के बाद झारखंड में पुलिस को विशेष तौर पर अलर्ट रिपोर्ट जारी किया गया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि ‘बंद के दौरान माओवादियों के द्वारा पुलिस कैंप, सुरक्षा बलों के पोस्ट-पिकेट, पेट्रोल पार्टी, वीवीआईपी या स्कॉर्ट पार्टी को निशाना बनाया जा सकता है’.
माओवादी दे सकते हैं इन घटनाओं को अंजाम
वहीं राज्य पुलिस के आईजी अभियान ने इस संबंध में सभी जिलों के एसपी को विशेष सतर्कता बरतने के आदेश दिए हैं. आशंका जताई गई है कि ‘बंद के दौरान माओवादी आमलोगों को एसपीओ करार देकर हत्या, पुल पुलिया या रेलवे ट्रैक को उड़ाने, विकास योजनाओं को बाधित करने जैसे वारदातों को भी अंजाम दे सकते हैं’.
इसके अलावा ‘ग्रामीण बाजार हाट में पुलिस बलों को विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है. साथ ही माओवादी बैनर और पोस्टर हटाने वाले पुलिस बलों को एंबुश कर टारगेट किया जा सकता है’.
दिये गए कई निर्देश
आईजी अभियान के मुताबिक सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक सभी सुरक्षा कैंपों को विशेष अलर्ट पर रखा जाए. साथ ही वहां तैनात कर्मियों को भी सुरक्षा संबंधी निर्देश दिए जाए. सीआरपीएफ, एसएसबी, जैप, आईआरबी समेत सभी सुरक्षाबलों को भी संभावित नक्सल हमलों को लेकर जानकारी देने का निर्देश जिलों के एसपी को दिया गया है.
मुख्यालय के निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि नक्सल प्रभाव वाले इलाकों में सुरक्षाकर्मियों का मूवमेंट ऑपरेशनल कामों के लिए ही होगा. कैंप आने-जाने के रास्तों में भी आईडी जांच की जाएगी.
नेशनल हाईवे और अन्य प्रमुख रास्तों को माओवादी प्रभाव के लिहाज से मैपिंग की जाएगी. इसके बाद इस रास्तों पर वाहनों की आवाजाही होगी. आईजी अभियान के अनुसार झारखंड पुलिस का इंटेलिजेंस विभाग भी लगातार सूचनाओं के संकलन में लगा हुआ है.