गणेश चतुर्थी 2025 का महायोग, जानें सुबह से रात तक के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और खास नियम!

बस 2 घंटे 34 मिनट! इस शुभ घड़ी में बप्पा को किया नहीं स्थापित, तो नहीं मिलेगा पुण्यफल?

26 अगस्त 2025, मंगलवार: भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी—वर्ष का सबसे बड़ा और शुभ दिन जब विघ्नहर्ता गणपति स्वयं धरती पर आते हैं। इस साल गणेश चतुर्थी का पर्व 26 अगस्त को दोपहर 01:54 बजे शुरू होगा और अगले दिन 27 अगस्त को 03:44 बजे तक चलेगा। इस दौरान बप्पा की स्थापना का एक विशेष और अत्यंत प्रभावशाली समय आ रहा है—जिसकी अवधि है सिर्फ 2 घंटे 34 मिनट

 क्या होगा अगर इस समय चूक गए? क्या पूजा का असर नहीं होगा?
इन सवालों का जवाब छुपा है शास्त्रों में, जो कहते हैं कि गणपति की स्थापना मध्याह्न काल में करना अत्यंत फलदायक होता है, क्योंकि यही उनके जन्म का समय माना गया है।

 गणेश चतुर्थी 2025 का मध्याह्न पूजन मुहूर्त:

 11:05 AM से 01:40 PM तक
 (अवधि – 2 घंटे 34 मिनट)

 पूरे दिन के शुभ मुहूर्त (यदि आप दोपहर में न कर पाएं):

मुहूर्तसमयमहत्व
लाभ05:57 AM – 07:33 AMउन्नति
अमृत07:33 AM – 09:09 AMसर्वोत्तम
शुभ10:46 AM – 12:22 PMउत्तम
चर03:35 PM – 05:12 PMसामान्य
लाभ05:12 PM – 06:48 PMउन्नति
शुभ08:12 PM – 09:35 PMउत्तम
अमृत09:35 PM – 10:59 PMसर्वोत्तम
चर10:59 PM – 12:23 AM (27-28 Aug)सामान्य

 अन्य विशेष योग:

  • ब्रह्म मुहूर्त: 04:28 AM – 05:12 AM

  • विजय मुहूर्त: 02:31 PM – 03:22 PM

  • गोधूलि मुहूर्त: 06:48 PM – 07:10 PM

  • सर्वार्थ सिद्धि योग: 05:57 AM – 06:04 AM

  • रवि योग: 05:57 AM – 06:04 AM

  • अभिजीत मुहूर्त: इस दिन मान्य नहीं

 गणेश स्थापना की सरल विधि:

  1. घर या मंदिर को गंगाजल से शुद्ध करें

  2. पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में बप्पा की मूर्ति लकड़ी के पाटे पर लाल वस्त्र बिछाकर रखें

  3. प्रतिमा के पास कलश, रिद्धि-सिद्धि और सुपारी रखें

  4. ॐ पुण्डरीकाक्षाय नमः” मंत्र से शुद्धिकरण करें

  5. बप्पा को पंचामृत से स्नान कराएं, वस्त्र, दूर्वा, पुष्प, दीप, शमी पत्ता अर्पित करें

  6. अंत में आरती करें और मनोकामना पूर्ति के लिए आशीर्वाद मांगे

 क्या चढ़ाएं भोग में?

  • मोदक

  • मोतीचूर लड्डू

  • सूखे मेवे

  • पंचामृत

  • हलवा-पूरी

  • बेसन/ड्राईफ्रूट्स लड्डू

  • सात्विक खीर

शास्त्रों के अनुसार, गलत समय या विधि से की गई पूजा फल नहीं देती, बल्कि कई बार दोष भी उत्पन्न करती है। इसीलिए समय का विशेष ध्यान रखें।

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