जानते हैं शारदा सिन्हा के पास कितनी है संपत्ति ? अब कौन होगी उनका वारिश, जानिये क्या करते हैं शारदा सिन्हा के दोनों बच्चे
Do you know how much property Sharda Sinha has? Who will be her heir now? Know what both the children of Sharda Sinha do

Sharda Sinha Networth: शारदा सिन्हा इस दुनिया में नहीं रही। जिस छठ गीत ने शारदा सिन्हा को पहचान दी, उन्हें शोहरत और मुकाम दिया, उसी पर्व के दिन उन्होंने सभी को अलविदा कर दिया।
अपनी जादुई आवाज से वो ना सिर्फ छठ गीत, बल्कि विवाह गीत और बॉलीवुड के भी कई गानों में अपनी अलग पहचान बनायी थी। पद्म श्री और पद्म भूषण से सम्मानित लोक गायिका शारदा सिन्हा के जल्द ठीक होने के लिए फैंस प्रार्थना कर रहे थे.
हालांकि अब वह हमारे बीच नहीं रहीं. वहीं, अगर उनके नेट वर्थ की बात करें तो इसे लेकर कोई आधिकारिक जानकारी तो नहीं है।
हालांकि कई सोशल मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सिंगर की नेट वर्थ करीब 16 से 42 करोड़ के बीच है. वहीं, अगर उनके पर्सनल लाइफ की बात करें तो उनके पति का नाम ब्रज किशोर था, जिनका निधन हो चुका है. उनके दो बच्चे हैं, जिनका नाम- वंदना और बेटा अंशुमान सिन्हा है। छठ गीत लोगों के बीच काफी पॉपुलर है।
बिहार कोकिला के नाम से मशहूर शारदा सिन्हा ने मैथिली और भोजपुरी समेत कई भाषाओं के गानों को अपनी आवाज दी. इसके अलावा सिंगर ने बॉलीवुड फिल्मों ‘मैंने प्यार किया’ और ‘हम आपके हैं कौन’ में भी गाना गाया था.
वहीं, 30 अक्टूबर को उनके बेटे अंशुमान सिन्हा ने उनका छठ पूजा का सॉन्ग का ऑडियो जारी किया था। ये सॉन्ग को लोगों ने काफी पसंद किया और इसपर खूब सारा प्यार लुटाया।
शारदा सिन्हा का नाम बिहार और भारत के पारंपरिक लोक गीतों से गहराई से जुड़ा है. उनके द्वारा गाए गए छठ गीत बिहार समेत दुनिया के कई हिस्सों में बसे भारतीयों के दिलों में बसे हुए हैं. हाल ही में उनके बेटे अंशुमान सिन्हा ने दिल्ली एम्स से छठ गीत ‘दुखवा मिटाईं छठी मइया’ रिलीज किया था.
छठ पूजा के गीतों के अलावा शारदा सिन्हा ने बॉलीवुड फिल्मों में भी अपनी आवाज दी है. ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ का तार बिजली से पतले हमारे पिया.. और मैंने प्यार किया का कहे तोसे सजना.. गाने को आज भी बेहद पसंद किया जाता है।
शारदा सिन्हा का करियर भारतीय लोक संगीत में एक मील का पत्थर माना जाता है। उन्होंने अपनी गायकी की शुरुआत ऑल इंडिया रेडियो से की थी और बाद में दूरदर्शन पर भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई थी। धीरे-धीरे उन्होंने लोक गायन की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई। उनके छठ गीत न सिर्फ बिहार में, बल्कि देश के बाकी हिस्सों में भी बहुत लोकप्रिय हैं।