Kitchen Vastu Tips: किचन में इन 3 वास्तु दोषों से बचने के लिए अपनाएं ये आसान उपाय…सुखी रहेगी जिंदगी
Kitchen Vastu Tips: Follow these simple remedies to avoid these 3 Vastu defects in the kitchen...life will be happy

Kitchen Vastu Tips: यदि घर की महिलाएं अक्सर बीमार रहती हैं या परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत मेहनत के बाद भी सुधर नहीं रही है, तो इसकी वजह आपके किचन में मौजूद वास्तु दोष हो सकते हैं। आइए जानते हैं, वे कौन से दोष हैं जो आपके जीवन में परेशानियां बढ़ा सकते हैं।
किचन की दिशा और उसका प्रभाव (Kitchen Vastu Tips)
हिंदू धर्म में घर का निर्माण वास्तु के अनुसार करने की परंपरा है। घर में किचन का सही दिशा में होना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यदि किचन में वास्तु दोष हो, तो यह आपकी सेहत और धन दोनों को प्रभावित कर सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, किचन को घर की पूर्व-दक्षिण दिशा (अग्नि कोण) में बनाना चाहिए। इस दिशा में किचन बनाने से घर में सुख-समृद्धि आती है और परिवार के सदस्य स्वस्थ रहते हैं।
धन हानि और बीमारी का कारण बन सकती है यह दिशा
यदि आपका किचन दक्षिण दिशा में है या दक्षिण की ओर मुंह करके खाना पकाते हैं, तो यह शुभ नहीं माना जाता। यह दिशा यम की दिशा मानी जाती है और इस दिशा में खाना बनाने से स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ता है। यह दिशा राहु का प्रतीक भी मानी जाती है, जो नकारात्मक ऊर्जाओं को आकर्षित कर सकती है।
चूल्हा और सिंक की गलत स्थिति का असर
गैस स्टोव और सिंक एक दूसरे के पास नहीं होने चाहिए। आग और पानी का एक स्थान पर होना संघर्ष का प्रतीक है और परिवार में कलह का कारण बन सकता है।
किचन मे वस्तु रखने की सही दिशा
रसोई के अंदर की सभी वस्तुएं अग्नि का प्रतिनिधित्व करती हैं, इसलिए गैस स्टोव, सिलेंडर, माइक्रोवेव ओवन और टोस्टर जैसे उपकरणों को रसोई के दक्षिण-पूर्व भाग में रखना चाहिए। खाना बनाते समय व्यक्ति का मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
भोजन बनाते समय रखें इन बातों का ध्यान
1. उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम दिशा में किचन बनाने से बचना चाहिए।
2. दक्षिण दिशा में गैस या चूल्हा नहीं रखना चाहिए।
3. रसोई का सिंक उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए, जबकि फ्रिज और स्टोरेज अलमारी दक्षिण या पश्चिम दिशा में होनी चाहिए।
वास्तु के अनुसार किचन में क्या-क्या होना चाहिए
1. खाना बनाते समय मुंह पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
2. चूल्हे का स्थान पूर्व या दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए।
3. सिंक और ड्रेनेज उत्तर-पूर्व दिशा में होने चाहिए।
4. भोजन और भंडारण दक्षिण या पश्चिम दिशा में होना चाहिए।
5. घर के मुख्य दरवाजे से किचन का चूल्हा दिखाई नहीं देना चाहिए।