dharm news 2022: साल में कुल 12 संक्रांति पड़ती है जिसमें से धनु संक्रांति का विशेष महत्व बताया गया है ग्रहों के राजा सूर्य जब धनु राशि में प्रवेश करती है धनु संक्रांति होती है। धनु संक्रांति आते ही अगले 30 दिन के लिए मुंडन , सगाई और गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्यों पर विराम लग जाता है। इस अवधि को खरमास या मलमास कहते हैं। इस साल सूर्य 16 दिसंबर 2022 को धनु राशि में प्रवेश करेंगे और इसी दिन से खरमास प्रारंभ हो जाएगा आइए जानते हैं खरमास का क्या है मान्यता।

क्यों लगता हैं खरमास ?

हिंदू पंचांग के अनुसार कुल 12 संक्रांतिया होती है। सूर्य जब धनु और मीन में प्रवेश करते हैं तो इन्हें धनु संक्रांति और मीन संक्रांति कहा जाता है। सूर्य जब धनु व मीन राशि में रहते हैं इस अवधि को मलमास या खरमास कहा जाता है। इसमें शुभ और मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं।

क्यों बंद होते हैं शुभ कार्य

ज्योतिषियों की मानें तो गुरुदेव बृहस्पति धनु राशि के स्वामी हैं। बृहस्पति का अपनी ही राशि में प्रवेश इंसान के लिए अच्छा नहीं होता है। ऐसा होने पर लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर पड़ जाता है। इस राशि में सूर्य की कमजोर होने कारण इसे मलमास कहते हैं। ऐसा कहा जाता है कि खरमास में सूर्य का स्वभाव उग्र हो जाता है। सूर्य की कमजोर स्थिति में होने की वजह से इस महीने शुभ कार्य पर पाबंदी लग जाती है।

खरमास में नहीं करने चाहिए यह काम

  1. खरमास में शादी विवाह जैसे मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं इस समय अगर विवाह किया जाए तो भावनात्मक और शारीरिक सुख दोनों नहीं मिलते हैं।
  2. इसमें मकान का निर्माण या संपत्ति की खरीदारी वर्जित होती है। इस दौरान बनाए गए मकान आम तौर पर कमजोर होते हैं और उनसे निवास का सुख नहीं मिल पाता है।
  3. खरमास में नया कार्य व्यापार शुरू न करें । इससे व्यापार में शुभ फलों के प्राप्त होने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
  4. इस दौरान द्विरागमन, कर्णवेध और मुंडन जैसे कार्य वर्जित होते हैं। इस अवधि के किए गए कार्यों से रिश्तो के खराब होने की संभावना होती है।
  5. इस महीने धार्मिक अनुष्ठान ना करें। हर रोज किए जाने वाले अनुष्ठान कर सकते हैं।

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