खालिदा जिया का निधन…पीछे छूट गए कई अनसुलझे सवाल…गृहिणी से प्रधानमंत्री बनने तक का सफर, परिवार, धर्म और राजनीति में एंट्री की पूरी कहानी

गृहिणी से प्रधानमंत्री बनने तक का सफर, परिवार, धर्म और राजनीति में एंट्री की पूरी कहानी

नई दिल्ली: बांग्लादेश की राजनीति में एक युग का अंत हो गया है। देश की पहली महिला प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की सबसे मजबूत स्तंभ रहीं बेगम खालिदा जिया का 80 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे बीते करीब 20 दिनों से वेंटिलेटर पर थीं और लंबे समय से कई गंभीर बीमारियों से जूझ रही थीं। उनके जाने के बाद एक बार फिर सोशल मीडिया और गूगल पर यही सवाल गूंज रहा है—
खालिदा जिया की जाति क्या थी? उनका परिवार कौन-कौन सा है? और वे राजनीति में आखिर आई कैसे?

 khaleda zia Caste: किस जाति और धर्म से थीं खालिदा जिया?

सबसे ज्यादा पूछा जाने वाला सवाल यही है कि खालिदा जिया किस जाति की थीं।
आधिकारिक और विश्वसनीय बायोग्राफिकल रिकॉर्ड के अनुसार, खालिदा जिया इस्लाम धर्म को मानने वाली थीं और उनका जन्म एक बंगाली मुस्लिम परिवार में हुआ था।

बांग्लादेश के मुस्लिम समाज में जाति व्यवस्था हिंदू समाज की तरह औपचारिक रूप से दर्ज नहीं होती। यही वजह है कि किसी भी सरकारी दस्तावेज, अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड या आधिकारिक जीवनी में खालिदा जिया की जाति का उल्लेख नहीं मिलता। उन्हें केवल एक बंगाली मुस्लिम महिला नेता के रूप में जाना जाता है।

 धर्म और जन्म से जुड़ी पूरी कहानी

खालिदा जिया का जन्म लगभग 1945 में तत्कालीन ब्रिटिश भारत की बंगाल प्रेसीडेंसी में हुआ था। उनका जन्मस्थान जलपाईगुड़ी (वर्तमान भारत) माना जाता है, जबकि उनका पैतृक घर बांग्लादेश के फेनी जिले के फुलगाजी उपजिला में है।

  • पिता: इस्कंदर अली मजूमदार (चाय व्यवसायी)

  • माता: तैयबा मजूमदार

  • भाई-बहन: कुल पांच, जिनमें खालिदा जिया तीसरे नंबर पर थीं

 khaleda zia Family: परिवार में कौन-कौन?

खालिदा जिया का विवाह 1960 में जियाउर रहमान से हुआ, जो आगे चलकर बांग्लादेश के राष्ट्रपति बने।

बच्चे:

  • तारिक रहमान (बड़े बेटे) – BNP के कार्यवाहक अध्यक्ष, 17 साल के निर्वासन के बाद 25 दिसंबर 2025 को बांग्लादेश लौटे

    • पत्नी: डॉ. जुबैदा रहमान

    • बेटी: जाइमा रहमान (लंदन में बैरिस्टर, भविष्य की राजनीति का चेहरा मानी जाती हैं)

  • अराफात रहमान कोको (छोटे बेटे) – 2015 में मलेशिया में दिल का दौरा पड़ने से निधन

    • पत्नी: शर्मिला रहमान सिथी

    • बेटियां: जाहिया और जाइफा

मायका पक्ष:

  • बड़ी बहन खुर्शीद जहां – पूर्व मंत्री (निधन 2006)

  • भाई सईद इस्कंदर – राजनेता (निधन 2012)

  • जीवित भाई-बहन: शमीम इस्कंदर (रिटायर्ड फ्लाइट इंजीनियर) और सेलिना इस्लाम

 गृहिणी थीं, राजनीति से दूर

1960 में शादी के बाद खालिदा जिया पूरी तरह एक साधारण गृहिणी की जिंदगी जी रही थीं।
1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में उनके पति जियाउर रहमान एक बड़े सैन्य नायक बने और बाद में राष्ट्रपति। 1978 में उन्होंने BNP की स्थापना की, लेकिन उस दौर में भी खालिदा जिया राजनीति से दूर रहीं।

 पति की हत्या ने बदल दी किस्मत

30 मई 1981—चिट्टागॉन्ग में एक सैन्य विद्रोह के दौरान राष्ट्रपति जियाउर रहमान की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
यही वह घटना थी, जिसने खालिदा जिया की जिंदगी की दिशा हमेशा के लिए बदल दी। पार्टी नेतृत्व संकट में था, और ऐसे वक्त में खालिदा जिया ने राजनीति में कदम रखा।

 दो बार बनीं प्रधानमंत्री, बनीं ‘आयरन लेडी’

खालिदा जिया

  • 1991–1996 और

  • 2001–2006

तक दो बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं।
उन्हें बांग्लादेश की ‘आयरन लेडी’ कहा गया।
फोर्ब्स मैगजीन ने 2004, 2005 और 2006 में उन्हें दुनिया की सबसे ताकतवर महिलाओं की सूची में शामिल किया।

उनकी विदेश नीति को लेकर अक्सर कहा गया कि उनका झुकाव पाकिस्तान की ओर था, जबकि उनकी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी शेख हसीना को भारत समर्थक माना जाता है।

 एक युग का अंत

खालिदा जिया का जाना सिर्फ एक नेता का जाना नहीं, बल्कि बांग्लादेश की राजनीति के एक पूरे दौर का अंत है।
गृहिणी से प्रधानमंत्री तक का सफर, पति की हत्या के बाद राजनीति में उतरने का साहस और दशकों तक सत्ता के केंद्र में रहना—
इतिहास में उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा।

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