Khaleda Zia Dies: बांग्लादेश की पहली महिला पीएम खालिदा जिया कौन थी? जेल-बीमारी-राजनीतिक जंग के बीच रचा था इतिहास…
Khaleda Zia Dies: बांग्लादेश की पहली महिला पीएम खालिदा जिया कौन थी? जेल-बीमारी-राजनीतिक जंग के बीच रचा था इतिहास...

ढाका | 30 दिसंबर 2025: बांग्लादेश की राजनीति की सबसे ताकतवर और विवादास्पद शख्सियतों में शुमार, देश की पहली महिला प्रधानमंत्री खालिदा जिया का मंगलवार सुबह लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 80 वर्ष की थीं।
उनकी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने सोशल मीडिया के जरिए उनके निधन की पुष्टि करते हुए बताया कि उनका इंतकाल सुबह करीब 6 बजे, फज्र की नमाज के तुरंत बाद हुआ।
बीएनपी ने फेसबुक पोस्ट में लिखा—
“हम उनकी आत्मा की शांति के लिए दुआ करते हैं और सभी से अनुरोध करते हैं कि दिवंगत नेता के लिए प्रार्थना करें।”
Khaleda Zia Dies: पति की हत्या से राजनीति तक का सफर
खालिदा जिया का राजनीति में आना कोई पूर्व नियोजित फैसला नहीं था, बल्कि एक खूनी त्रासदी का नतीजा था।
उनके पति जियाउर रहमान, जो 1977 से 1981 तक बांग्लादेश के राष्ट्रपति रहे और BNP के संस्थापक थे, की 1981 में एक सैन्य तख्तापलट में हत्या कर दी गई। इसी घटना ने खालिदा जिया को सार्वजनिक जीवन में ला खड़ा किया।
इसके बाद उन्होंने सैन्य शासन के खिलाफ संघर्ष की कमान संभाली और देखते ही देखते विपक्ष की सबसे मजबूत आवाज बन गईं।
Khaleda Zia Dies:1991 में रचा इतिहास, बनीं पहली महिला प्रधानमंत्री
1991 में संसदीय लोकतंत्र की बहाली के बाद खालिदा जिया ने इतिहास रचते हुए बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री का पद संभाला।
इसके बाद उन्होंने 2001 से 2006 तक दूसरा कार्यकाल भी पूरा किया।
उनके शासनकाल को लेकर समर्थक उन्हें लोकतंत्र की रक्षक मानते हैं, तो विरोधी उन पर भ्रष्टाचार और सख्त राजनीति के आरोप लगाते रहे।
Khaleda Zia Dies:शेख हसीना से दशकों चली ‘सियासी दुश्मनी’
बांग्लादेश की राजनीति बीते कई दशकों तक दो नामों के इर्द-गिर्द घूमती रही—
खालिदा जिया बनाम शेख हसीना।
इन दोनों नेताओं की प्रतिद्वंद्विता ने चुनावों, सरकारों और सड़कों की राजनीति को दिशा दी। यह टकराव सिर्फ सत्ता का नहीं, बल्कि विचारधाराओं और विरासत की जंग बन गया था।
Khaleda Zia Dies:बीमारी, जेल और कानूनी लड़ाइयों का दौर
खालिदा जिया कई वर्षों से गंभीर बीमारियों से जूझ रही थीं।
डॉक्टरों के मुताबिक उन्हें लिवर सिरोसिस, गठिया, मधुमेह और हृदय संबंधी समस्याएं थीं। इलाज के लिए वह अक्सर विदेश जाती रहीं और मई 2025 में यूके से लौटकर ढाका आई थीं।
2018 में उन्हें भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराकर जेल भेजा गया, जिसे उन्होंने राजनीतिक साज़िश बताया।
2020 में शेख हसीना सरकार ने मेडिकल आधार पर उनकी सजा निलंबित कर उन्हें घर में नजरबंद कर दिया और राजनीति व विदेश यात्रा पर रोक लगा दी।
Khaleda Zia Dies:आख़िरी जीत: 2025 में कोर्ट से राहत
जनवरी 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें आखिरी बचे भ्रष्टाचार के मामले में बरी कर दिया।
इस फैसले से उनके लिए दोबारा राजनीति में लौटने और आम चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हुआ—लेकिन किस्मत ने उन्हें वह मौका नहीं दिया।
Khaleda Zia Dies:विरासत और भविष्य
उनके बड़े बेटे तारिक रहमान वर्तमान में बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष हैं और आगामी चुनावों में उन्हें एक बड़ा चेहरा माना जा रहा है।
खालिदा जिया का निधन सिर्फ एक नेता का अंत नहीं, बल्कि बांग्लादेश की राजनीति के एक पूरे युग का समापन है—एक ऐसा अध्याय, जिसमें सत्ता, संघर्ष, जेल, बीमारी और अडिग इच्छाशक्ति सब कुछ शामिल था।



















