रांची। लोकसभा चुनाव के पहले महगामा विधायक दीपिका पांडेय विवादों में घिर गयी है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि महिला कांग्रेस ने 25 लाख की डिमांड की है। दीपिका पांडेय का नाम विवादों में उस वक्त आया है, जब गोड्डा लोकसभा से दीपिका पांडेय को प्रत्याशी बनाने की चर्चा चल रही है। इस मामले में भाजपा चुनाव आयोग पहुंची है। भाजपा ने इस मामले में ज्ञापन सौंपकर पूरे मामले की जांच की मांग की है। भाजपा ने ये जानना चाहता है कि आखिर कौन बुलबुल है, जिसे कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह 25 लाख रुपए देने की बात कह रही हैं।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार को पार्टी नेता प्रतुल शाहदेव और सुधीर कुमार ने एक ऑडियो क्लिप सौंपा और जांच कर आवश्यक कार्रवाई की मांग की। भाजपा का कहना है कि प्रदेश मुख्यालय में किसी अनजान व्यक्ति ने यह ऑडियो क्लिप दिया है, जिसमें महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह और कोई रफीक आपस में बात कर रहे हैं।

इस ऑडियो की जांच बेहद जरूरी है, क्योंकि इसमें किसी बुलबुल को 25 लाख रुपए देने की देने की बात हो रही है। भाजपा नेता सुधीर श्रीवास्तव ने कहा कि चूंकि राज्य में लोकसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता लागू है ऐसे में इस ऑडियो में जिस तरह से 25 लाख रुपए की लेनदेन और डीसी डीसी का जिक्र किया गया है ऐसे में आवश्यकता इस बात की है कि इस ऑडियो की जांच कराई जाए।

बातचीत में एक मंत्री, डीसी और डीडीसी का भी जिक्र हुआ है। इन सब बातों की जांच करा कर अविलंब कार्रवाई की जाए। इधर, विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने भाजपा के ज्ञापन पर कहा कि चुनाव के समय भाजपा अक्सर ऐसी साजिश शुरू कर देती है। यह जांच का विषय है। बीजेपी के द्वारा सौंप गए पेन ड्राइव में ऑडियो की जांच में चुनाव आयोग जुट गया है. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने कहा कि आईजी ऑपरेशन को इस संबंध में जानकारी दी गई है. जल्द ही इसकी जांच हो जाएगी कि आखिर सत्यता क्या है।

क्या है उस ऑडियो क्लिप में…

मुखिया : हां, नमस्कार
महिला: बोलिए, मुखिया जी
मुखिया : हम बहुत परेशान हो गये हैं. एको जरा रिसपांस ले रहे हैं मैडम
महिला: कौन रिसपांस नहीं ले रहा है.
मुखिया : उस दिन भी हम मैसेज किये, फोन किए मतलब
महिला: उसमें हम क्या कर पायेंगे, बाहर हैं
मुखिया : जरा ना सुनिए ना, मेरी बात सुन लीजिए ना
महिला: डीसी से इसमें फोन से तो बात नहीं कर सकते
मुखिया : नहीं मतलब कार्रवाई के लिए डीडीसी रिकोमेंड कर दिया है ना, डीसी के पास फाइल है. हो सकता है, मतलब आज ही कर देंगे. उसमें मतलब रुकावट है
महिला: हम हैं ही नहीं, तो कैसे बोले. ये बात फोन पर नहीं हो सकता है. आपको पता है. आपको हम रिसपांस लिए, छोटा भी काम लगाते हैं, तो आप लोग हमको बेइज्जत करते हैं.
मुखिया : नहीं कभी, कहां हुआ है, वैसा
महिला: रफीक भाई हम देख रहे हैं, हम रात के 12 बजे भी आपलोग के लिए जगते हैं. तो भी मंत्री जी के आने के बाद भी आपलोग कुछ नहीं किए, हम किस मुंह से बोले मंत्री जी को
मुखिया : बात तो ठीक है मतलब, लेकिन हम तो बोले थे आपको
महिला: : अरे छोड़िए, अब आपलोग, अब आपलोग
मुखिया : सुनिए ना, हमारा ये काम कर दीजिए, जहां बोलिएगा, रांची बोलिएगा, काम कर देंगे, जो बोलिएगा मानने के लिए तैयार हैं.
महिला: अभी क्या, जब काम खराब हो गया. तो मेरे बोलने से क्या होगा.
मुखिया : डीसी के पास
महिला: मेरे लिए भगवान की कृपा से कुछ करने की जरूरत नहीं है
मुखिया : जो बोलिएगा, मान लेंगे मैडम, गुस्साइये नहीं
महिला: जिस समय पार्टी के लिए करना था, उस समय
मुखिया : उस समय कर रहे थे. जो बोलिएगा कर देंगे. छोटा बात पर गुस्साने की जरूरत नहीं
महिला: हम किये छोटा बात, आप किए हैं, आप शुरुआत किये हैं.
मुखिया : दुर्र…हम क्या शुरुआत किए हैं
महिला: जा कर पहले 25 लाख रुपया बुलबुल के पास रखवाइये, फिर बात करेंगे

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