जगदलपुर 10 मई 2022। आज व्यक्ति का जीवन तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह बहुत बड़ी बात है कि अधिवक्ता संघ ऐसे कार्यक्रम में आगे बढ़कर कार्य कर रहा है। आप हमारा हाथ पकड़िये विधिक सेवा संस्थान आपके साथ काम करेगा, इससे अधिवक्ताओं को एक आत्मसंतोष प्राप्त होगा। थॉमस हॉज की पुस्तक इन डिफेंस हयूमन यूज पढ़ें। किसी भी कार्य को करने के लिये उसका मैदानी रूप में क्रियान्वयन न किया जाये तब तक उसका लाभ नहीं मिलता। उपरोक्त विचार छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी ने छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ बिलासपुर के संयुक्त तत्वाधान में उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं एवं पैनल अधिवक्ताओं का विधिक सेवा का लाभ आमजन को सरलता से उपलब्ध कराये जाने के प्रयोजन से एक दिवसीय ओरिपेंटशन प्रोग्राम का शुभारम्भ करते हुए व्यक्त किये।
    उन्होंने आगे कहा कि अधिक्तागण विधिक सेवा से संबंधित न्याय बंधु मोबाईल एप से जुड़कर प्रो-बोनो लीगल सर्विसेस के तहत अपना पंजीयन कराकर उसके माध्यम से कुछ प्रकरणों में जरूरतमंदों को उनके प्रकरणों में निःशुल्क विधिक सलाह एवं सहायता प्रदान करना व्यक्त करते हुए नये अधिवक्ताओं को ज्ञान अर्जित करने हेतु वरिष्ठ अधिवक्ताओं से प्रकरणों के संबंध में चर्चा किये जाने की बात कही।
    न्यायमूर्ति ने रोजमर्रा के जीवन से जुड़े मामलों के संबंध में विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम की धारा 22ए के अंतर्गत स्थायी लोक अदालत (जनोपयोगी सेवा) के प्रावधानों को जानने एवं इससे जुड़े मामलों जैसे ट्रांसपोर्ट सेवा, पानी, बिजली बिल्डर्स जैसे मामलों की सेवा में कमी से संबंधित शिकायतों पर स्थायी लोक अदालत जिसका कार्य क्षेत्र व्यापक है उसके माध्यम से निपटारा कराये जाने की बात कही, जिससे आमजन को इसका लाभ प्राप्त हो सके।
    न्यायमूर्ति ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न अभियानों जैसे अभियान करूणा, उम्मीद, आसरा सचेत मुआवजा उन्मुक्त आदि का जिक करते हुए कहा कि अभियान करूणा के तहत वरिष्ठजनों को उनके परिवार में सम्मान सहित रहने, अभियान उम्मीद में मानसिक मरीजों जो स्वस्थ हो चुके हैं उन्हें उनके परिवार से  मिलाने की कार्यवाही के बारे में बताया। इन सभी अभियानों से जुड़कर अधिवक्तागण कार्य करें तो उन्हें आत्मसंतुष्टि प्राप्त होगी। उपरोक्त ओरियेंटेशन कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष माननीय श्री न्यायमूर्ति संजय एस. अग्रवाल ने सम्बोधित करते हुए कहा कि गरीबी एवं अशिक्षा के कारण लोग न्याय पाने से वंचित हो जाते हैं। संविधान के अनुच्छेद 39 के अंतर्गत यह सुनिश्चित किया गया है कि सभी लोगों को न्याय पाने का अधिकार है। विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 में राष्ट्रीय राज्य एवं जिला स्तर पर निःशुल्क विधिक सहायता दिलाये जाने का प्रावधान किया गया है। अधिवक्तागण जो विधिक सेवा के तहत उन्हें प्रकरण प्राप्त होते हैं उसमें वे प्रभावी एवं गंभीरता के साथ कार्य करें प्रकरणों से संबंधित दस्तावेज उन्हें प्राप्त नहीं होते हैं, तो वे इसके लिये राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण या उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति से सहयोग ले सकते हैं। नये अधिवक्ताओं से कहा कि वे अपने समय का सदुपयोग करते हुए ऐसे कार्य में व्यस्त रहें तथा आज के कार्यक्रम में दिये गये जानकारी को आत्मसात करते हुए उसका लाभ लेवें।
    कार्यक्रम का स्वागत उद्बोधन छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के अध्यक्ष श्री अब्दुल वहाब खान ने करते हुए कहा कि गरीब निर्धन व्यक्ति पैसे की कमी के कारण न्याय से वंचित न रहे उन्हें सरल एवं सुविधापूर्ण न्याय दिलाने के लिये अधिवक्ता संघ के प्रत्येक अधिवक्ता सतत प्रयत्नशील है और वे इसे एक अभियान के रूप में चलाकर कार्य करने के लिये उत्साहित भी हैं। अध्यक्ष ने कहा कि इस भीषण गर्मी में भी अधिवक्तागण टीम बनाकर सायकल रैली के माध्यम से घर घर जाकर जरूरतमंद व्यक्तियों से मिलकर उन्हें सरल सुलन न्याय दिलाने का प्रयास करेंगे और ये स्वयं भी इसमें शामिल रहेंगे।
उपरोक्त कार्यक्रम का धन्यवाद भाषण राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव श्री सिद्धार्थ अग्रवाल ने दी। कार्यक्रम का संचालन राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की अवर सचिव श्रीमती कामिनी जायसवाल द्वारा किया गया। उपरोक्त कार्यक्रम में गेस्ट स्पीकर के रूप में श्री सतीशचंद्र वर्मा, महाधिवक्ता श्रीमती सुषमा सावंत डायेक्टर न्यायिक एकेडमी. श्री किशोर भादुडी वरिष्ठ अधिवक्ता श्री योगेशचन्द्र शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता सुश्री दीपाली पाण्डेय, वाईस प्रेसीडेंट अधिवक्ता संघ श्री प्रशांत पराशर, सचिव, उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, प्रवीण मिश्रा सचिव जिला प्राधिकरण रायपुर, श्री देवाशीष ठाकुर, सचिव, जिला प्राधिकरण राजनांदगांव रहे।
    उपरोक्त कार्यक्रम के शुभारम्भ सत्र में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के रजिस्ट्री के अधिकारीगण, न्यायिक एकेडेमी के डायरेक्टर सुषमा सावत एव अन्य न्यायिक अधिकारी, जिला न्यायाधीश आर के अग्रवाल, फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रमाशंकर प्रसाद एवं अन्य न्यायिक अधिकारीगण उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ के पदाधिकारीगण उच्च न्यायालय के अधिवक्ता, पैनल अधिवक्तागण उपस्थित थे।

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