जस्टिस बी.आर. गवई बने देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ

नई दिल्ली – जस्टिस बी.आर. गवई ने मंगलवार को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक औपचारिक समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद की शपथ दिलाई।
जस्टिस गवई इस पद तक पहुंचने वाले पहले बौद्ध और स्वतंत्र भारत के दूसरे दलित समुदाय से आने वाले CJI बने हैं। उनका कार्यकाल करीब छह महीने का होगा।
#WATCH | Delhi: CJI BR Gavai greets President Droupadi Murmu, Prime Minister Narendra Modi, Vice President Jagdeep Dhankhar, former President Ram Nath Kovind and other dignitaries at the Rashtrapati Bhavan. He took oath as the 52nd Chief Justice of India.
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— ANI (@ANI) May 14, 2025
महत्वपूर्ण फैसले (जस्टिस बी.आर. गवई)
अपने न्यायिक करियर के दौरान जस्टिस गवई ने कई अहम मामलों में फैसले दिए हैं। इनमें शामिल हैं:
अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को बरकरार रखना
डिमोनेटाइजेशन (नोटबंदी) को संवैधानिक ठहराना
अनुसूचित जाति कोटे में उप-वर्गीकरण को मान्यता देना
बुलडोजर कार्रवाई पर सख्त रुख अपनाना
बुलडोजर कार्रवाई पर सख्त टिप्पणी
बुलडोजर कार्रवाई से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में फैसला सुनाते हुए जस्टिस गवई ने “आश्रय के अधिकार” को मूलभूत अधिकार करार दिया। उन्होंने बिना नोटिस और उचित प्रक्रिया के किए जाने वाले अतिक्रमण हटाने की कार्रवाइयों को प्राकृतिक न्याय और कानून के शासन के विरुद्ध बताया। उन्होंने कहा था कि कार्यपालिका जज, जूरी और जल्लाद – तीनों भूमिकाएं एकसाथ नहीं निभा सकती।