सिर्फ एक पोस्ट और नौकरी से हाथ धो बैठेंगे कर्मचारी! सरकार ने लागू किए सोशल मीडिया के सख्त नियम

सरकार की आलोचना, गोपनीय दस्तावेज शेयरिंग या प्रतिबंधित ऐप्स का इस्तेमाल—अब नहीं चलेगा! सरकारी कर्मचारी सावधान रहें, उल्लंघन पर होगी कड़ी कार्रवाई

Maharashtra Social Media New Policy: महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने सोशल मीडिया के उपयोग को लेकर नए नियम लागू किए हैं। इन नए नियमों का उल्‍लंघन करना कर्मचारियों पर भारी पड़ेगा क्‍योंकि सरकार ने चेतावनी जारी की है कि किसी भी तरह का उल्‍लंघन पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

28 जुलाई को सोशल मीडिया के उपयोग को लेकर फडणवीस सरकार ने दिशा-निर्देश भी जारी किया है। इन नए नियमों के अनुसार, राज्य सरकार के कर्मचारी अब सरकार की नीतियों की आलोचना सोशल मीडिया पर नहीं कर सकेंगे। आइए जानते हैं ये नए नियम किन कर्मचारियों पर लागू होगा और क्‍या-क्‍या दिशा-निर्देश हैं?

किन कर्मचारियों पर लागू होगा ये नियम?
ये नए नियम सभी सरकारी अधिकारियों और अन्‍य कर्मचारियों पर लागू होंगे, जिनमें स्थायी, संविदा, प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त कर्मचारी,स्थानीय निकाय, सार्वजनिक क्षेत्र और सरकार से संबद्ध संस्थानों के कर्मचारी शामिल हैं।

सोशल मीडिया के उपयोग को लेकर क्‍या हैं नए दिशा-निर्देष?
28 जुलाई को जारी किए गए एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) में के तहत जारी आदेश में सरकारी कर्मचारियों को किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर महाराष्ट्र सरकार या भारत सरकार की नीतियों की सार्वजनिक रूप से आलोचना करने से मना किया गया है।
कर्मचारियों को अपने निजी और आधिकारिक उपयोग के लिए अलग-अलग सोशल मीडिया अकाउंट रखने होंगे। साथ ही, उन्हें उन वेबसाइटों और ऐप्स का उपयोग करने से बचना होगा, जिन्हें राज्य या केंद्र सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया है।

सर्कुलर में कर्मचारियों को बिना पूर्व अनुमति के किसी भी गोपनीय या आधिकारिक दस्तावेज को साझा करने, पूर्ण रूप से हो या आंशिक रूप से अपलोड करने या फॉरवर्ड करने से भी रोका गया है। कर्मचारी प्रोफाइल तस्वीरों को छोड़कर, पर्सनल सोशल मीडिया सामग्री में आधिकारिक चिह्नों, सरकारी लोगो, भवनों या वाहनों का यूज करना प्रतिबंधित किया गया है।

कर्मचारियों को आंतरिक समन्वय के लिए व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे मैसेजिंग ऐप का उपयोग करने की अनुमति है, लेकिन उन्हें किसी भी ऐसी सामग्री को पोस्ट करने के खिलाफ चेतावनी दी गई है जिसे आक्रामक, अपमानजनक, मानहानिकारक या सांप्रदायिक माना जा सकता है।

सरकारी योजनाओं या विभागीय कार्यों के बारे में पोस्ट साझा किए जा सकते हैं, लेकिन इसमें किसी भी प्रकार की आत्म-प्रशंसा से बचना चाहिए।

बिना अनुमति के सरकारी दस्तावेजों को सोशल मीडिया पर अपलोड करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि केवल नामित लोग ही राज्य की योजनाओं पर प्रचार सामग्री पोस्ट कर सकते हैं, वह भी सक्षम अधिकारियों के अनुमोदन के साथ।

यदि किसी सरकारी कर्मचारी का तबादला होता है, तो उसे अपना सोशल मीडिया अकाउंट अगली नियुक्ति के साथ साझा करना होगा।
नियमों का उल्‍लंघन करने पर मिलेगा दंड ये नियम महाराष्ट्र सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1979 के तहत जारी किए गए हैं, और किसी भी उल्लंघन से महाराष्ट्र सिविल सेवा (अनुशासन और अपील) नियम, 1979 के तहत निपटा जाएगा। आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि कोई कर्मचारी नियमों का उल्लंघन करता है या किसी राजनीतिक घटना के बारे में सोशल मीडिया पर नकारात्मक टिप्पणी करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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