रायपुर। छत्तीसगढ़ के एक जज को राज्य सरकार ने बर्खास्त कर दिया है। जज गणेश राम बर्मन अभी अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जशपुर में पदस्थ थे। बर्खास्तगी के लिए बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को अनुशंसा भेजी थी। हाईकोर्ट की अनुशंसा के बाद विधि और विधायी कार्य विभाग ने जज को बर्खास्त करने का आदेश जारी किया है।

आपको बता दें कि इससे पहले भी गणेश राम बर्मन को बर्खास्त किया गया था, जिसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जानकारी के मुताबिक गणेश राम बर्मन को रायपुर में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश के पद पर नियुक्त किया गया था. प्रोवेशन पीरियड के दौरान उनके और दो अन्य न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ एक गुमनाम शिकायत की गई थी. उन्हें शिकायत पर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था. उन्होंने स्पष्टीकरण प्रस्तुत भी किया. लेकिन उनकी सेवा समाप्त कर दी गई. जिसके खिलाफ एडीजे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

दरअसल, एडीजे की पहली नियुक्ति साल 2017 में हुई थी, तब दो माह की सेवा के बाद ही उन्हें प्रोबेशन पीरियड में बर्खास्त कर दिया गया था, जिसे उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट से केस जीतने के बाद ही उन्हें दो माह पहले सभी सेवाओं का लाभ देते हुए बहाल करने का आदेश दिया था। साल 2014 में जिला एवं सत्र न्यायाधीश की सीधी भर्ती के लिए परीक्षा हुई थी, जिसमें उनका चयन हुआ था।

पहली नियुक्ति के बाद उन्होंने सवा दो साल काम किया। इस दौरान उनका प्रोबेशन पीरियड बढ़ाकर कंफर्म नियुक्ति दी जानी थी। लेकिन, फरवरी 2017 में हाईकोर्ट के स्टैडिंग कमेटी ने उनकी सेवा कंफर्म करने के बजाए उन्हें बर्खास्त करने की अनुशंसा कर दी, जिसके आधार पर राज्य शासन ने उन्हें बिना किसी सूचना और सुनवाई के मौका दिए ही बर्खास्त कर दिया था।

याचिकाकर्ता गणेशराम बर्मन को दिसंबर 2022 में जशपुर में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद पर नियुक्ति दी थी। महज दो महीने के कार्यकाल के बाद तीन मार्च को हाईकोर्ट में फूल कोर्ट की बैठक हुई, जिसमें उन्हें दोबारा बर्खास्त करने की अनुशंसा कर दी गई, जिसके आधार पर राज्य शासन ने आदेश जारी कर उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया है। एडीजे बर्मन ने कहा कि अब वे इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और न्याय की गुहार लगाएंगे।

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