रांची। JSSC पेपर लीक मामले की आंच कई अफसरों तक भी जा सकती है। अभी जांच शुरुआती चरणों में ही है, लेकिन जांच के तार काफी दूर तक जाते दिख रहे हैं। संयुक्त स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा (जेएसएससी सीजीएल) प्रश्नपत्र लीक होने के मामले में गठित रांची पुलिस की SIT ने अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो की गिरफ्तारी पटना व चेन्नई से होने की बात कही जा रही है, जबकि जांच में कुछ सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों की संलिप्तता की भी बात सामने आ रही है।

चेन्नई से गिरफ्तार दोनों आरोपी बिहार के रहने वाले हैं। एसआईटी की मदद के लिए रांची एसएसपी ने चार टीमों का गठन किया है। हर टीम में चार-चार पुलिस अधिकारी हैं। एक टीम प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कराने वाले कुछ कोचिंग सेंटर संचालकों से पूछताछ करेगी। वहीं, एक टीम अभ्यर्थियों से भी संपर्क में हैं। एक टीम परीक्षा लेने वाली सतवत इंफो प्रा. लि. के अधिकारियों-कर्मचारियों से भी पूछताछ कर रही है।

आपको बता दें कि JSSC की CGL परीक्षा 28 जनवरी को हुई थी, जिसका पेपर पहले ही लीक हो गया था। उस दिन जेएसएससी के ईमेल पर दोपहर 2:32 बजे और 2:38 बजे प्रश्नों के उत्तर चार पन्नों में भेजे गए थे। परीक्षा के बाद इसका मिलान कराया गया तो पता चला कि तृतीय पाली में सामान्य ज्ञान की परीक्षा में पूछे गए 150 सवालों में से अधिकतर के जवाब मिल रहे थे।इसके बाद आयोग ने पहले तृतीय पाली की परीक्षा रद्द की। इसके बाद उस दिन हुई अन्य दो पालियों और चार फरवरी को होने वाली परीक्षा भी रद्द कर दी थी।

नामकुम थाने में अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। फिर इसकी जांच के लिए सदर डीएसपी संजीव कुमार बेसरा के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई थी। इस परीक्षा का आयोजन सतवत इंफो प्रा. लि. नामक एजेंसी ने कराया था। मामले में विपक्ष काफी आक्रामक है, वो इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भूमिका को भी संदिग्ध बता रहा है। बाबूलाल मरांडी और आजसू ने इस प्रकरण की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है।

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