“20 लाख रुपये में बिका JSSC CGL का पेपर” बाबूलाल मरांडी ने साधा फिर निशाना, बोले, साजिश की जड़ें तो मुख्यमंत्री कार्यालय तक…CBI जांच…
"JSSC CGL paper sold for 20 lakh rupees" Babulal Marandi targeted again, said, the roots of the conspiracy reach the Chief Minister's office... CBI investigation...

रांची | झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की CGL परीक्षा में पेपर लीक मामले को लेकर राजनीति फिर गरमा गई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सीधे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कटघरे में खड़ा करते हुए पूरे मामले की CBI जांच की मांग की है।
JSSC-CGL परीक्षा में अभ्यर्थियों से 20 लाख रुपये लेकर पेपर लीक कराने की पुष्टि अब सीआईडी ने भी कर दी है।
भारतीय जनता पार्टी ने शुरू से ही इस परीक्षा में बड़े पैमाने पर सीटों की खरीद-फरोख्त की आशंका जताई थी, लेकिन मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM जी ने हरसंभव प्रयास कर पेपर लीक और…
— Babulal Marandi (@yourBabulal) May 11, 2025
बाबूलाल मरांडी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल X (पूर्व में ट्विटर) पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि “JSSC-CGL परीक्षा में अभ्यर्थियों से 20 लाख रुपये लेकर पेपर लीक कराने की पुष्टि अब खुद CID ने भी कर दी है।” उन्होंने कहा कि इस घोटाले की आशंका भाजपा ने बहुत पहले ही जताई थी, लेकिन सरकार ने इसे दबाने का हर संभव प्रयास किया।
मरांडी का आरोप है कि सरकार ने पहले इस घोटाले से इनकार किया और जब सबूत सामने आने लगे तो जांच को भटकाने की कोशिश की गई। “मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पेपर लीक और पैसों के लेन-देन को छिपाने की हर मुमकिन कोशिश की,” उन्होंने कहा।
छात्रों के संघर्ष और न्यायालय के निर्देश का असर
भाजपा नेता ने कहा कि लाखों छात्रों के लगातार विरोध, प्रदर्शन और माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद अब जाकर CID को इस मामले में पेपर लीक की पुष्टि करनी पड़ी है, जो पहले इससे पूरी तरह इनकार कर रही थी।
गिरफ्तारी सीमित, जड़ें कहीं और
मरांडी ने कहा कि अब तक कार्रवाई के नाम पर सिर्फ IRB (झारखंड इंडिया रिजर्व बटालियन) के कुछ जवानों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि असल षड्यंत्र की जड़ें मुख्यमंत्री कार्यालय तक जुड़ी हुई हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या केवल निचले स्तर के कर्मियों की गिरफ्तारी से इस गम्भीर अपराध का पर्दाफाश हो पाएगा?
CBI जांच की मांग तेज
उन्होंने कहा, “राज्य सरकार को चाहिए कि वह इस मामले को CBI को सौंपे, ताकि हमारे झारखंड के गरीब और बेरोजगार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को सख्त से सख्त सजा मिल सके।”
भाजपा की यह मांग ऐसे समय पर आई है जब राज्य में युवा वर्ग इस घोटाले से आहत है और सरकारी नौकरियों की पारदर्शिता पर सवाल उठा रहा है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा झारखंड की राजनीति में एक बड़ा मोड़ ला सकता है।