राज्य सरकार के छुट्टी वाले आदेश से झासा खफा… कल बुलायी बड़ी बैठक… डाक्टरों की छुट्टी को लेकर नये आदेश पर…

रांची। एक और फैसले ने झासा और राज्य सरकार में टकराब बढ़ा दिया है। सरकारी अस्पताल के डाक्टरों के छुट्टी को लेकर राज्य सरकार के सख्त आदेश के बाद अब झासा नाराज हो गया है। 13 अक्टूबर को झासा ने बैठक बुलायी है। बैठक में राज्य सरकार के फैसले के विरोध की रणनीति तैयार होगी। आपको बता दें कि सरकारी अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सक झारखंड सरकार के उस आदेश का भी विरोध कर रहे हैं, जिसमें बीमारी के आधार पर छुट्टी के लिए मेडिकल बोर्ड की अनुमति को अनिवार्य किया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने हाल ही में यह निर्णय लेते हुए सिविल सर्जनों की अध्यक्षता में प्रत्येक जिले में मेडिकल बोर्ड का गठन किया है। झारखंड हेल्थ सर्विसेज एसोसिएशन ने इसके विरोध में 13 अक्टूबर को बैठक बुलाई है।

मेडिकल कालेजों, हॉस्पिटलों व स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ डाक्टरों को छुट्टी की प्रक्रिया अब कड़ी हो गयी है। अब डाक्टरों को छुट्टी के लिए सक्षम अधिकारी से ना केवल स्वीकृति लेनी होगी, बल्कि बीमारी के नाम पर छुट्टी के लिए मेडिकल बोर्ड से भी स्वीकृति करानी होगी। कोई डाक्टर अगर बीमारी की वजह से छुट्टी पर हैं और उन्हें छुट्टी बढ़ानी है तो भी मेडिकल बोर्ड से एप्रूवल लेना होगा।

स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर निर्देश जारी कर दिया है। बीमारी को लेकर डाक्टरों को छुट्टी के लिए प्रत्येक जिले में सिविल सर्जन की अध्यक्षता में एक मेडिकल बोर्ड बनेगा। इस बोर्ड के एप्रूवल के बाद डाक्टरों को स्वास्थ्यगत कारणों से छुट्टी मिलेगी। छुट्टी कितनी लंबी होगी ये भी मेडिकल बोर्ड ही तय करेगा।

दरअसल स्वास्थ्य विभाग को इस बात की शिकायत मिल रही थी कि डाक्टर बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के ही छुट्टी पर चले जाते हैं और फिर बाद में छुट्टी बढ़ाते जाते हैं। वैसी ही शिकायत बीमारी को लेकर भी आ रही थी कि डाक्टर बीमारी का हवाला देकर छुट्टी पर जाते हैं फिर छुट्टी को बढ़ाते जाते हैं। राज्य सरकार को उम्मीद है कि डाक्टरों की इन मनमर्जी पर इस निर्देश के बाद रोक लग जायेगी।

मेडिकल बोर्ड में सिविल सर्जन के साथ-साथ स्पेशलिस्ट डाक्टर भी बतौर मेंबर शामिल रहेंगे। छुट्टी को लेकर स्वास्थ्य विभाग के नये निर्देश स्पष्ट उल्लेख किया है कि कार्मिक विभाग ने पदाधिकारियों व कर्मियों की छुट्टी के लिए सक्षम पदाधिकारी से अनुमति लेने को अनिवार्य किया है। स्वास्थ्य विभाग ने इससे पहले भी एक निर्देश जारी किया था, जिसमें स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टी के लिए अलग-अलग अधिकारियों को जिम्मेदारी दी थी।

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