रांची। झारखंड की राजनीति के लिए आज का दिन बेहद अहम है। हेमंत सोरेन रहेंगे या फिर जायेंगे ?  इस सवाल पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है। प्रदेश ही नहीं देश भर की निगाहें मुख्यमंत्री सचिवालय और राजभवन पर टिकी हुई है। इन सबके बीच प्रदेश की राजनीतिक हलचलें काफी तेज है। एक तरफ झामुमो ने अपने सभी विधायकों को रांची बुलाया है, तो वहीं कांग्रेस ने भी निलंबित 3 विधायकों को छोड़कर बचे 15 विधायकों को तुरंत रांची आने को कहा है। इससे पहले कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की रांची में एक बड़ी बैठक हुई। कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम के आवास पर शीर्ष नेताओं की बैठक हुई।

बैठक के बाद आलमगीर आलम ने बताया कि 18 विधायकों में से तीन निलंबित विधायकों को छोड़कर बाकी बचे 15 विधायकों को रांची बुलाया गया है। राज्यपाल का फैसला आने के बाद आगे की रणनीति पर विचार किया जायेगा. फिलहाल सरकार पर कोई संकट नहीं है, वह अपना कार्यकाल पूरा करेगी. वहीं, वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि अभी आरोप-प्रत्यारोप लगाने का समय नहीं है. हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि कैसे जनता द्वारा चुनी गयी सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करे।

कैशकांड में पकड़ाये तीन विधायकों के निलंबन नोटिस को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर उन्हें निलंबित करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. अब तक उनका जवाब नहीं आया है. अनुशासन समिति ने फिर से रिमांडर भेज कर सात दिनों में जवाब मांगा है।

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