झारखंड के पायलट की विमान हादसे में मौत, शिक्षक पुत्र पीयूष पायलट ट्रेनिंग के दौरान हुआ हादसे का शिकार, राजधानी में पसरा शोक
Jharkhand pilot dies in plane crash; Piyush, son of a teacher, dies during pilot training; capital mourns

Jharkhand News : झारखंड के एक पायलट की विमान हादसे में जान चली गयी। ये हादसा उस वक्त हुआ, जब पायलट की ट्रेनिंग चल रही थी। इस घटना ने पूरे परिवार को शोक में डाल दिया है। पायलट का नाम पीयूष पुष्प था, जो राजधानी रांची का रहने वाला था।
मिली जानकारी के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका के जोहांसबर्ग में पायलट ट्रेनिंग के दौरान एक भीषण विमान हादसे में रांची निवासी 20 वर्षीय पीयूष पुष्प की मौत हो गई। यह हादसा 10 अक्टूबर को हुआ था, जबकि पीयूष ने 11 अक्टूबर को अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।घटना के बाद अरगोड़ा कटहल मोड़, लाजपत नगर क्षेत्र में मातम का माहौल है।
मिली जानकारी के मुताबिक, पीयूष दक्षिण अफ्रीका के जोहांसबर्ग स्थित एक पायलट ट्रेनिंग संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा था। ट्रेनिंग के दौरान उड़ान के अभ्यास के समय उनका विमान अचानक दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे के बाद पीयूष को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने तमाम कोशिशों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। बताया जा रहा है कि विमान में एक और प्रशिक्षु पायलट मौजूद था, जो फिलहाल गंभीर रूप से घायल है और उसका इलाज जारी है।
रांची में मातम का माहौल
पीयूष के पिता टी. एन. साहू, रांची के जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली में शिक्षक हैं। पीयूष ने भी इसी स्कूल से अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की थी। बेटे की मौत की खबर से पूरा परिवार सदमे में है।पड़ोसी और उसी स्कूल के शिक्षक शशांक कुमार सिन्हा ने बताया कि –
“पीयूष बेहद होनहार, शांत और मृदुभाषी लड़का था। साहू सर का सपना था कि उनका बेटा पायलट बने और उसी सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने उसे दक्षिण अफ्रीका भेजा था। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।”
स्कूल में शोक की लहर
जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली में पीयूष की मौत की खबर मिलते ही गहरा शोक छा गया। स्कूल प्रशासन ने शोक सभा आयोजित कर दिवंगत छात्र को श्रद्धांजलि दी।
शिक्षकों और सहपाठियों ने कहा कि पीयूष न केवल पढ़ाई में उत्कृष्ट था बल्कि अनुशासन और विनम्र स्वभाव के लिए भी जाना जाता था।परिवार ने दक्षिण अफ्रीका में भारतीय दूतावास से संपर्क किया है ताकि पीयूष का पार्थिव शरीर जल्द से जल्द भारत लाया जा सके।









