झारखंड: गोलियों से थर्राया घनी आबादी वाला इलाका, गैंगवार की ये वारदात आने वाले बड़े खतरे की आहट
Jharkhand: Densely populated area shaken by bullets, this incident of gang war is a sign of great danger to come.

Jharkhand Crime News: झारखंड में गैंगवार पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गयी है। जिस तरह से पलामू में झारखंड के कुख्यात पांडेय गिरोह पर गोलीबारी हुई, उसने पुलिस के लिए चुनौती खड़ी कर दी है। दो की जान चली गयी है, जबकि जबकि दो जख्मी है, जिनका इलाज मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। घटना पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के गरदा गांव की है। घटनास्थल से पुलिस ने 25 से भी अधिक खोखा बरामद किया है।
पुलिस ने दोनों अपराधियों की पहचान पांडेय गिरोह के दीपक साव, भारत पांडेय के रूप में की है। जानकारी के मुताबिक जिन दो युवकों को गोली मारी गयी, वो दोनों कोयलांचल के पांडेय गिरोह से अलग हो गये थे। खबर है कि इसे लेकर ही भरत पांडेय और दीपक साव को पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र में गोली मार दी गयी।
घटना में भरत पांडेय का चचेरा भाई अंशु सिंह और ममेरा भाई गंभीर रूप से जख्मी हो गया। दोनों को मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में भर्ती करवाया गया है। जानकारी के मुताबिक परिवारिक कार्यक्रम में सभी जुटे थे, इसी दौरान आधा दर्जन के करीब अपराधी ताला तोड़कर घर में घुसे थे। इसके बाद भरत और दीपक को टारगेट कर अंधाधुंध फायरिंग कर दी गयी है।
अपराधियों ने अंशु सिंह के पैर में जबकि महावीर सिंह के हाथ में गोली मारी है। भरत और दीपक को गोली मारने के बाद अपराधी पैदल भाग गए। पुलिस ने भरत के ड्राइवर को हिरासत में लिया है, जो पलामू का रहने वाला है. करीब तीन महीने पहले ही पलामू का युवक भरत का ड्राइवर बना था।
बताया जा रहा है कि भरत और दीपक की कोयलांचल में कई आपराधिक गिरोह के साथ वर्चस्व की लड़ाई थी। भरत के चाचा अशोक पांडेय, भोला पांडेय गिरोह का सदस्य हुआ करते थे। हालांकि 2021 में अशोक पांडेय की हत्या हुई थी। जिसके बाद चाचा की हत्या का बदला लेने के लिए भरत ने अशोक बक्शी नामक व्यक्ति की हत्या कर दी थी। घटना के बाद भोला पांडेय के गिरोह से भरत पांडेय अलग हो गया था और खुद एक नया गिरोह खड़ा किया था।