VIDEO- झारखंड की शिक्षिका आशा रानी के PM मोदी भी हुए मुरीद, फिर, प्रधानमंत्री ने दी ये सीख
रांची। देश की वैदिक भाषा संस्कृत के जरिये बच्चों में संस्कार भरने वाली, झारखंड की उत्कृष्ट शिक्षिका आशारानी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मुरीद हो गये। राष्ट्रीय शिक्षक पुरुस्कार से सम्मानित देश भर की शिक्षक-शिक्षिकाओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मुलाकात की, इस दौरान शिक्षिका डॉ आशा रानी की संस्कृत भाषा पर अद्भूत पकड़ और संस्कृत में श्लोक उच्चारण पर प्रधानमंत्री भी हैरान रह गये।
आपको बता दें कि आशा रानी को 5 सितंबर को राष्ट्रपति के हाथों राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया गया है।
बोकारो के चंदनकियारी स्थित प्लस टू हाई स्कूल की शिक्षिका डॉ आशा रानी 9वीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं को संस्कृत पढ़ाती हैं। प्रधानमंत्री का संस्कृत भाषा में अभिवादन के बाद डॉ आशा ने अपना परिचय दिया। प्रधानमंत्री ने इस दौरा डॉ आशा से पूछा कि क्या उनकी चर्चा अपने साथी शिक्षकों से वैदिक गणित को लेकर हुई है।
शिक्षिका आशा रानी ने जब इसे लेकर अनभिज्ञता जतायी, तो प्रधानमंत्री ने उन्हे बताया कि वैदिक गणित ऐसी विधा है, जिसके जरिये गणित विषय में रूचि नहीं लेने वाला बच्चा भी गणित को आसानी से समझ लेता है और फिर गणित विषय में रूचि लेने लगता है। प्रधानमंत्री ने उन्हें ये भी बताया कि इसका कोर्स आनलाइ भी किया जा सकता है।
यूके जैसे देशों में तो बकायदा वैदिक गणित को सिलेबस में भी शामिल किया गया है। जिसके बाद प्रधानमंत्री की तरफ से दी गयी जानकारी का शिक्षिका आशा ने धन्यवाद दिया और आने वाले दिनों में वैदिक गणित को लेकर और जानकारी लेने की बात कही।
राष्ट्रीय शिक्षक पुरुस्कार मिला
देश के उत्कृष्ट शिक्षकों का हर साल सम्मान होता है। केंद्र सरकार के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के स्तर पर हर साल इस पुरस्कार के लिए शिक्षकों का चयन किया जाता है। तीन चरण में सेलेक्शन की प्रक्रिया चलती है। इस पुरस्कार के लिए चयनित डॉ आशा रानी को सर्टिफिकेट के साथ-साथ सिल्वर मेडल और 50 हजार नकद राशि मिली है।
दिल्ली जाने, लौटने और ठहरने की सारी व्यवस्था विभाग की तरफ से की जाती है। विभाग ने झारखंड के स्कूली शिक्षा विभाग को इस बाबत पत्र भेजकर डॉ आशा रानी को रिलिव करने और 3 सितंबर से 6 सितंबर तक ऑन ड्यूटी सुनिश्चित करने को कहा था।