VIDEO: "जो शिक्षक चप्पल पहन कर स्कूल आएं उसे उसी चप्पल से मारेंगे ".... परियोजना निदेशक के बयान से गुस्से में राज्य भर के शिक्षक
राँची: झारखंड शिक्षा परियोजना के एस पी डी श्री आदित्य रंजन जी के द्वारा प्रधानाध्यापकों को संबोधन के क्रम में दिये गये वक्तव्य का ऑडियो एवं वीडियो क्लिप अखबार एवं सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं।
यहां देखें वीडियो....
संयुक्त शिक्षक मोर्चा ने कहा कि परियोजना निदेशक इस वक्तव्य से निश्चित तौर पर राज्य के शिक्षक आहत हुए हैं। शिक्षकों के विरुद्ध दिये गये बयान अशोभनीय, बेहद शर्मनाक एवं भारतीय गुरु सम्मान के विरुद्ध है जिसकी आज पुरे राज्य में निंदा हो रही है। इससे गुरु सम्मान पर गहरा आघात पहुँचने के साथ ही झारखंड राज्य में भी गहरा और नकारात्मक असर पड़ा है। उनके द्वारा शिक्षकों को चप्पल पहनकर विद्यालय आने से स्पष्ट तौर पर मना करने के विरोध में राज्य के शिक्षक आज चप्पल पहनकर विद्यालय आये और रोष प्रकट किये।
झारखंड प्रदेश संयुक्त शिक्षक मोर्चा में सम्मिलित राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ, झारखंड प्रदेश प्रथमिक शिक्षक संघ, झारखंड स्टेट प्राईमरी टीचर्स एसोशिएसन एवं राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ + 2 संवर्ग के सभी शिक्षक प्रतिनिधि एवं पदाधिकारी गण कड़े शब्दों में निंदा किया है।
परियोजना निदेशक ने अपने द्वारा दिये गए वक्तव्य से मुकरते हुए फेक ऑडियो एवं वीडियो बता कर सार्वजनिक रूप से खेद व्यक्त करने के बदले धृष्टता पर उतर आए हैं। इस बयान के विरोध में राज्य भर के शिक्षक बिना चप्पल के स्कूल पहुंचे और अध्यापन कार्य कर विरोध दर्ज कराया
संयुक्त मोर्चा के सभी पदाधिकारी गण ने राज्य के शिक्षा मंत्री एवं मुख्यमंत्री से मांग किया है कि एस पी डी आदित्य रंजन के द्वारा दिये गए बयान के ऑडियो और वीडियो क्लिप की वॉयस डिटेक्टर एव्ं वायरल वीडियो की उच्चस्तरीय जांच की जाय ताकि सच सामने आ सके। हजारों शिक्षकों के समक्ष यह बयान दिया गया है, इतनी आसानी से वे अपनी वक्तव्य से मुकर नहीं सकते हैं।
झारखंड प्रदेश संयुक्त शिक्षक मोर्चा ने एस पी डी के शिक्षक विरोधी मानसिकता से राज्य के शिक्षक एवं शिक्षा भी खतरे में है, उनके पास प्रसाशनिक शक्ति है जिसका धौंस जमाते हुए किसी भी शिक्षक अथवा शिक्षक प्रतिनिधि को नौकरी से निकाल दिये जाने की धमकी आये दिन दिया जाता रहता है। उनकी यह मंशा स्कूलों के ऑडिट कराये जाने की धमकी से जग जाहिर हो रही है।
ज्ञातव्य है कि प्रति वर्ष विद्यालय में दो - दो स्तर पर ऑडिट विभाग के द्वारा कराया जाता है इसके अतिरिक्त भौतिक सत्यापन के लिए विद्यालय का सामाजिक अंकेक्षण भी किया जाता है। इसी क्रम में मोर्चा ने झारखंड शिक्षा परियोजना का पारदर्शी तरीके से तीन वर्ष के स्थान पर मात्र एक वर्ष का ही अंकेक्षण करते हुए सार्वजनिक करने की मांग किया है, फिर यह स्पष्ट हो जायेगा कि कहाँ दलाल किस्म के लोग सक्रिय रहकर गरीब के बच्चों को गुणवत पूर्ण शिक्षा से दूर रखने एवं राज्य की शिक्षा को रसातल में ले जाने को सक्रिय हैं।
संयुक्त शिक्षक मोर्चा ने राज्य सरकार से पहल करते हुए इसकी जांच की मांग की है अन्यथा शिक्षक मोर्चा मजबूर होकर राज्यव्यापी आंदोलन करेगी।
मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल राज्य के मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री से मिलकर ऐसे शिक्षा एवं शिक्षक विरोधी पदाधिकारी को जांचोंपरांत भारत सरकार को वापस करते हुए पुनः प्रशिक्षण पर भेजने की अनुशंसा करने का मांग करेगी।
उक्त बयान की निंदा करने वालों में मोर्चा के प्रदेश संयोजक अमीन अहमद, विजय बहादुर सिंह, अरुण कुमार दास, आशुतोष कुमार, शैलेंद्र कुमार सुमन, मंगलेश्वर उरांव, डॉ सुधांशु कुमार सिंह, प्रदीप कुमार हिंद, राघवेंद्र प्रसाद सिंह, राजेश कुमार सिन्हा, राजेश कुमार सिंह, धर्मदेव प्रसाद, राम कुमार झा, मो० फखरुद्दीन, पवन कुमार, बिरेंद्र कुमार पोद्दार, मीरा कुमारी सहित राज्य के हजारों हजार शिक्षक प्रतिनिधि शामिल हैं।को