झारखंड में ED की बड़ी कारवाई: अनुबंधकर्मी ने किया 10 करोड़ का घोटाला, घर, संपत्ति, कार सब जब्त
Dhanbad। NRHM घोटाले की जांच कर रही ईडी ने धनबाद में बड़ी करवाई की है. 2016 में हुए घोटाले के मुख्य आरोपी प्रमोद सिंह पर ईडी का शिकंजा कसता जा रहा है।आरोपी के सहयोगी नगर स्थित आवास में ईडी ने घंटों छापेमारी की.
छापेमारी के बाद आवास को ईडी ने सील कर दिया है. प्रमोद सिंह और उनके परिजनों की 1.63 करोड़ संपत्ति ईडी ने जब्त की है. हालांकि ये बताया जा रहा है की ये अस्थाई रूप से संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई की जा रही है.
मालूम हो की प्रमोद सिंह धनबाद के झरिया सह जोड़ापोखर प्राथमिक स्वास्थ केंद्र में ब्लॉक अकाउंटेट मैनेजर के पद पर संविदा कर्मी के रूप में कार्यरत था. पद का दुरुपयोग करते हुए एनआरएचएम के 9.39 करोड़ रुपए गबन करने का आरोप है. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने प्रारंभिक जांच के बाद 8 जून 2016 को मामला दर्ज किया था. जिसके आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिग का केस दर्ज किया था.
प्रमोद सिंह पर स्वास्थ्य विभाग में संविदा कर्मी होते हुए गलत तरीके से सरकारी फंड को अपने और अपने परिवार के सदस्यों के खाते में मंगवाने का आरोप है. ईडी इससे पहले दो बार प्रमोद सिंह के धनबाद में दो ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है.
मालूम हो की जिस तरह से NHM में कई जिलों से घोटाले की बू आ रही है वैसे में ये अवश्य कहा जा सकता है की गंभीरता से जांच होने पर कई जिलों में ऐसे कारनामे सामने आ सकते है। हाल ही में कोडरमा, रामगढ़ की बात सामने आ चुकी है।
इस घोटाला में सबसे बड़ी वजह अलग अलग और मनमाने तरीके से रजिस्टर संधारित करने से भी जुड़ा है फिर उसे अपने मन मुताबिक कार्य को अंजाम दिया जाता है। हाल ही में रामगढ़ में भी उसी तरह की खामियां सामने आई है
सूत्रों की माने तो जिले में एक ही कार्यालय से अलग अलग पत्र निर्गत रजिस्टर संधारित किए जा रहे है, जबकि जानकर कहते है किसी भी कार्यालय के एक प्रधान होने पर एक ही तरह के रजिस्टर संधारित किए जाने चाहिए, ताकि दस्तावेज का अवलोकन सही तरीके से किया जा सके, परंतु यदि ऐसा किया जाता है तो भविष्य में होने वाली गड़बड़ी से इंकार नहीं किया जा सकता।