झारखंड: …तो नपेंगे सिविल सर्जन! बैठक में स्वास्थ्य मंत्री के तीखे तेवर से हड़कंप, अफसरों को दो टूक, सदर अस्पतालों की व्यवस्था तुरंत सुधारिये, रेफर करने की आदत छोड़िये

Jharkhand: ... then the civil surgeon will be punished! Health Minister's sharp attitude in the meeting caused a stir, blunt words to the officers, immediately improve the system of Sadar hospitals, give up the habit of referring

रांची। स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी समीक्षा बैठक में तीखे तेवर दिखाये। उन्होंने दो टूक कहा है कि लापरवाही किसी भी कीमत में बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने सिविल सर्जनों की भी जिम्मेदारी तय की है। मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने नामकुम स्थित आईपीएच सभागार में राज्य के सभी जिलों के सिविल सर्जनों के साथ विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक की।

इस दौरान उन्होंने दो टूक कह दिया कि “सदर अस्पतालों की व्यवस्था तुरंत सुधारी जाए. मामूली बीमारियों के लिए मरीजों को रिम्स रेफर करने की आदत को बंद किया जाए। उन्होंने कहा कि डॉक्टर, दवा और एम्बुलेंस की कमी का बहाना अब नहीं चलेगा। मरीज को बेहतर इलाज मिले – यही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने दिये ये निर्देश 

• एम्बुलेंस प्रबंधन सख्त: मंत्री ने सख्त लहजे में चेतावनी दी कि यदि एम्बुलेंस की लापरवाही या रेफरल देरी से किसी मरीज की मृत्यु होती है, तो सिविल सर्जन जिम्मेदार होंगे।

• प्राइवेट डॉक्टरों की सेवाएं लें: आयुष्मान भारत योजना के तहत सभी सदर एवं अनुमंडलीय अस्पतालों में प्राइवेट डॉक्टरों की नियुक्ति करें। उन्हें प्रोत्साहन राशि समय पर दें एवं उनकी ओपीडी सेवा शनिवार-रविवार को भी चालू रखें।

• बड़े शहरों से विशेषज्ञ बुलाएं: राँची, पटना, कोलकाता व दिल्ली जैसे स्थानों से योग्य डॉक्टरों को बुलाकर विशेष शिविर आयोजित करें. प्रचार-प्रसार और एडवांस नंबरिंग प्रणाली सुनिश्चित करें।

• डिजिटल स्वास्थ्य सुविधा का विस्तार: मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत 15 सितम्बर तक अनुमंडलीय अस्पताल, 15 अक्टूबर तक सीएचसी, 15 अक्टूबर तक सदर अस्पताल, 15 नवम्बर तक पीएचसी को हाई स्पीड इंटरनेट लीज लाइन व निःशुल्क वाई-फाई सुविधा से जोड़ने का निर्देश।

• आधुनिक मॉडल अपनाने पर बल: बैठक के उपरांत सभी सिविल सर्जनों को राँची सदर अस्पताल का भ्रमण कराया गया. मंत्री ने निर्देश दिया कि “राँची मॉडल को पूरे राज्य में लागू करें. मानव संसाधन, वित्तीय व तकनीकी सहयोग देने में सरकार तत्पर है.” स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि “आज दिए गए सभी निर्देशों की समीक्षा एक माह बाद पुनः की जाएगी.”

 

अन्य महत्वपूर्ण निर्देश:

• IPHS मानकों के अनुरूप सभी अस्पतालों को दो वर्षों में अपग्रेड किया जाए.

• मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना के प्रचार हेतु प्रमुख स्थलों पर होर्डिंग लगवाएं.

• 1.5 लाख किमी या 8 वर्ष से अधिक पुराने एम्बुलेंस की सूची शीघ्र उपलब्ध कराएं.

• आयुष्मान भारत योजना के तहत सभी सरकारी अस्पतालों का इम्पैनलमेंट कराएं.

• प्रत्येक जिला अस्पताल को वर्ष में ₹6 करोड़ की राशि उपार्जित करनी है.

• प्रत्येक सब सेंटर को EKYC हेतु दो टैबलेट (सिम सहित) प्रदान किए जाएंगे.

बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह, जेएमएचआईडीपीसीएल के प्रबंध निदेशक अबु इमरान, जसास की कार्यकारी निदेशक नेहा अरोड़ा, एनएचएम के अभियान निदेशक शशि प्रकाश झा, निदेशक प्रमुख सिद्धार्थ सान्याल, स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव विद्यानंद शर्मा पंकज, समेत सभी जिलों के सिविल सर्जन एवं अधिकारी मौजूद रहे।

Related Articles