झारखंड: 25000 रुपये घूस लेने का था आरोप, 9 साल पुराने मामले में डाक्टर को कोर्ट ने किया दोषमुक्त, अनुकंपा नियुक्ति….

Jharkhand: Doctor was accused of taking a bribe of Rs 25000, court acquitted him in a 9 year old case, compassionate appointment....

Court News : रिश्वत प्रकरण में डॉ राणा प्रताप को कोर्ट ने बरी कर दिया है। 9 साल पुराने केस में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। मामला 2016 का था, जिसमे रिश्वत मामले में सिमडेगा के तत्कालीन जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. राणा प्रताप को आरोपी बताया गया था।

 

लेकिन एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) के विशेष न्यायाधीश योगेश कुमार सिंह की अदालत ने सोमवार को साक्ष्यों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया। डॉ. राणा प्रताप को 26 अक्टूबर 2016 को एसीबी ने 25,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।

 

 

आरोप लगा था कि उन्होंने अपने ही कार्यालय में कार्यरत दिवंगत पशुपालन कर्मचारी श्यामा मुंडा के पुत्र उदय भेंगरा से अनुकंपा नियुक्ति की फाइल आगे बढ़ाने के बदले रिश्वत की मांग की थी। उदय भेंगरा ने इस संबंध में एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद ट्रैप की कार्रवाई की गई थी।

 

 

अभियोजन पक्ष ने मामले में कुल 10 गवाहों को कोर्ट में पेश किया, लेकिन अदालत में आरोपों को साबित नहीं किया जा सका. पर्याप्त और ठोस साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने डॉ. राणा प्रताप को दोषमुक्त घोषित कर दिया।

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