Jharkhand Voting: नक्सलियों का खौफ मिटा, झारखंड के इस गांव में पहली बार हो रही वोटिंग, कभी जला दिया था नक्सलियों ने मतदाताओं के ट्रैक्टर को

Jharkhand Voting: The fear of Naxalites is gone, voting is happening for the first time in this village of Jharkhand, Naxalites had once burnt the tractors of voters.

Jharkhand Election: झारखंड में आज लोकतंत्र का महापर्व मतदाता पूरे उत्साह से मना रहे हैं। इस चुनाव में काफी कुछ बदला हुआ है, 2019 में जो चुनाव नक्सल के साये में हुआ था, अब वहां मतदाता आजाद फिजा में अपने अधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। पांच सालों में नक्सलवाद पर मिली जीत का असर झारखंड के कई जिलों और विधानसभाओं में दिख रहा है। राजधानी रांची के तमाड़ थाना का अतिनक्सल प्रभावित व सुदुरवर्ती गांव आराहांगा लोग पहली बार अपने गांव के बूथ में मतदान कर रहे हैं।

 

आराहांगा गांव को कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन का गढ़ कहा जाता था। नक्सली आसपास के इलाकों में हमेशा वारदात किया करते थे। कई बार यहां पुलिसकर्मियों को नुकसान भी उठाना पड़ा था। लेकिन नक्सलियों के खिलाफ चले अभियान के बाद अब यहां नक्सली खौफ का खात्मा हो गया है। लोग अपने घरों से निकल रहे हैं और खुलकर मतदान कर रहे हैं। चुनाव में हमेशा यहां नक्सलियों की तरफ से फरमान जारी होता था, भय से वोटर अपने घरों से नहीं निकलते थे। लेकिन, इस बार ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। लिहाजा, आराहांगा गाव में भयमुक्त वातावरण में मतदान हो रहा है।

 

2019 और उससे पहले जब भी वोटिंग होती थी, तो इस गांव में पोलिंग बूथ नहीं होता था, बल्कि दूसरे गांव में पोलिंग बूथ को लगाया था, लेकिन इस बार पहली बार आराहांगा में मतदान हो रहा है। तमाड़ का सुदुरवर्ती इलाका और पहाड़ तराई में बसा आराहांगा गांव में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किये गये हैं। भारी संख्या में पुलिस बल को लगाया गया है। लिहाजा मतदान केंद्र के बाहर गांव के वोटर्स दिख रहे हैं। गांव में मतदान करने की खुशी मतदाताओं में दिख रही है।

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