झारखंड: 105 कर्मचारियों की बर्खास्तगी की खबर से मचा हड़कंप, 12 साल से विभाग में कर रहे थे काम, इधर कर्मचारी हुए लामबंद
Jharkhand: There was a stir due to the news of dismissal of 105 employees, they were working in the department for 12 years, here the employees mobilized.

Jharkhand News: झारखंड के 105 कर्मचारियों की नौकरी खतरे में है। इन कर्मचारी में कई ऐसे हैं, जिनकी उम्र सरकारी नौकरी की अहर्ता से पार कर चुकी है, लिहाजा अब उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। दरअसल पूरा मामला झारखंड राज्य आजीविका मिशन का है, जहां कार्यरत 105 एचजीएम कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गयी है।
गोड्डा, बोकारो, लोहरदगा, खूंटी और गुमला जिले के 14 प्रखंडों में कार्यरत सभी 105 एमजीएच कर्मचारियों का समायोजन के बजाय हमें हटाने का आदेश दिया गया है। विगत 14-15 सालों से हम कार्यरत हैं और उम्र के इस पड़ाव में आखिर हम कहां जाएं। जाहिर तौर इसके विरोध में हम सभी एमजीएच कर्मचारी आंदोलन के लिए मजबूर हो जायेंगे।
सेवा समाप्ति की आयी चिट्ठी से कर्मचारियों में हड़कंप है। जानकारी के मुताबिक मिशन द्वारा संचालित एनआरएलएम प्रोजेक्ट के तहत एचजीएम यानी होम ग्राउंड मॉडल के पद पर कार्यरत थे। 2013 में 8 जिलों में इसकी शुरूआत हुई थी। मौजूदा वक्त में 5 जिलों के 14 प्रखंडों में 105 कर्मचारी कार्यरत हैं।
कर्मचारियों को हर साल सेवा विस्तार देकर जेएसएलपीएस के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में काम लिया जाता रहा है मगर विभाग द्वारा जारी चिट्ठी ने एक झटके में इनकी सेवा समाप्त करने का निर्देश दिया है। सरकार के इस फैसले के बाद कर्मचारियों परेशान हैं। इधर कर्मचारी अब इस मामले में लामबंद होने लगे हैं।
झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ सरकार को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। कर्मचारी संगठन ने घेराव व हड़ताल का भी ऐलान किया है। यह हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तक जेएसएलपीएस के द्वारा जारी चिट्ठी को निरस्त नहीं किया जाता है। इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इस संबंध में हस्तक्षेप की मांग की गयी है।