झारखंड: तदाशा मिश्रा बनी झारखंड की डीजीपी, राज्य सरकार ने जारी किया आदेश, 1994 बैच की IPS दो साल तक रहेगी पुलिस महानिदेशक
Jharkhand: Tadasha Mishra becomes DGP of Jharkhand, state government issues order, 1994 batch IPS will remain Director General of Police for two years.

रांची। झारखंड सरकार ने 1994 बैच की आईपीएस अधिकारी तदाशा मिश्रा को नयी डीजीपी नियुक्त किया है। प्रभारी डीजीपी के रूप में कार्य कर रहीं तदाशा मिश्रा अब अगले दो वर्षों तक झारखंड पुलिस की कमान संभालेंगी। यह नियुक्ति संशोधित डीजीपी चयन नियमावली-2025 के तहत की गई है। गृह विभाग ने 30 दिसंबर की शाम इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी। अब तक प्रभारी डीजीपी के रूप में कार्यरत तदाशा मिश्रा को नियमित रूप से महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक (हेड ऑफ पुलिस फोर्सेज) के पद की जिम्मेदारी सौंप दी गई है।
यहां देखें आदेश….
अधिसूचना के अनुसार, यह नियुक्ति झारखंड में पुलिस प्रमुख के चयन एवं नियुक्ति नियमावली-2025 के संशोधित प्रावधानों के तहत की गई है। खास बात यह है कि तदाशा मिश्रा 31 दिसंबर 2025 को सेवानिवृत्त होने वाली थीं, लेकिन राज्य सरकार ने 29 दिसंबर को नियमावली में संशोधन कर उन्हें नियमित डीजीपी नियुक्त करने का निर्णय लिया। इस फैसले को प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
दो साल तक संभालेंगी पुलिस की कमान
सरकारी आदेश के अनुसार, तदाशा मिश्रा अब अगले दो वर्षों तक झारखंड पुलिस प्रमुख के रूप में अपनी सेवाएं देंगी। इससे पहले वे गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग में विशेष सचिव जैसे अहम पदों पर भी कार्य कर चुकी हैं। उनके अनुभव और सख्त प्रशासनिक छवि को देखते हुए सरकार ने उन पर भरोसा जताया है।
प्रभारी से नियमित डीजीपी तक का सफर
करीब दो माह पहले तत्कालीन डीजीपी अनुराग गुप्ता ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले ली थी। इसके बाद राज्य सरकार ने उनके आवेदन को स्वीकार करते हुए तदाशा मिश्रा को डीजीपी का प्रभार सौंपा था। अब उन्हें नियमित रूप से यह जिम्मेदारी दी गई है। इस नियुक्ति के साथ ही तदाशा मिश्रा झारखंड पुलिस की कमान संभालने वाली पहली महिला आईपीएस अधिकारी बन गई हैं, जो राज्य के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है।
रांची सिटी एसपी से डीजीपी तक
तदाशा मिश्रा का पुलिस सेवा का सफर काफी लंबा और प्रभावशाली रहा है। अविभाजित बिहार के दौर में वे रांची सिटी एसपी के रूप में कार्य कर चुकी हैं। इसके अलावा वे जैप-1 और जैप-2 की कमांडेंट, बोकारो और गिरिडीह की पुलिस अधीक्षक, डीआईजी कार्मिक, आईजी मानवाधिकार, आईजी स्पेशल ब्रांच और बोकारो रेंज की आईजी भी रह चुकी हैं। एडीजी जैप के पद के साथ-साथ वे गृह विभाग में दो बार विशेष सचिव के रूप में भी सेवाएं दे चुकी हैं।
नक्सल मोर्चे पर दिखाई सख्ती
तदाशा मिश्रा को एक सख्त और जमीनी अधिकारी के रूप में जाना जाता है। बोकारो की एसपी रहते हुए उन्होंने नक्सलियों के गढ़ माने जाने वाले झुमरा पहाड़ तक पहुंचकर अभियान का नेतृत्व किया था। उस समय झुमरा पहाड़ नक्सली गतिविधियों का बड़ा केंद्र था और पुलिस भी वहां जाने से हिचकती थी। लेकिन तदाशा मिश्रा ने खुद मोर्चा संभालते हुए नक्सल विरोधी अभियान चलाया, जिससे उनकी साहसी और निर्णायक छवि बनी।



















