रांची। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के धनबाद सांसद ढुलू महतो के खिलाफ भ्रष्टाचार, आय से अधिक संपत्ति और बेनामी संपत्ति अर्जित करने के आरोपों पर गंभीरता से संज्ञान लिया है। अदालत ने झारखंड सरकार, प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आयकर विभाग को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच — जस्टिस विक्रमनाथ और जस्टिस संदीप मेहता — ने जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद दिया।
याचिका सामाजिक कार्यकर्ता सोमनाथ चटर्जी की ओर से अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने दायर की थी। याचिका में आरोप लगाया गया कि सांसद ढुलू महतो ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बेहिसाब संपत्ति अर्जित की, जिसे सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में SIT से जांच कराने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता ने SIT का गठन सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में करने का प्रस्ताव रखा है, जिसमें CBI, ED, आयकर विभाग और झारखंड पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हों।
इससे पहले यही याचिका झारखंड हाईकोर्ट में दायर की गई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था।理由 देते हुए कि मामला “वास्तविक जनहित” का नहीं है और ऐसे आरोप पहले भी जांच के दायरे में आ चुके हैं। इसके बाद याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में नई जनहित याचिका दायर की।
सुप्रीम कोर्ट ने अब सभी संबंधित एजेंसियों से जवाब मांगते हुए अगली सुनवाई की तारीख तय की है। इस कदम से सांसद ढुलू महतो पर लगे भ्रष्टाचार और संपत्ति के आरोपों की निजी और सार्वजनिक जांच के रास्ते साफ हो सकते हैं, जो राज्य की राजनीति और लोक प्रशासन पर असर डाल सकता है।