झारखंड : SI नहीं पहचान पाये नक्सली कुंदन पाहन को, सबूत के अभाव में कोर्ट ने कर दिया बरी, 2009 में पुलिस पार्टी पर अटैक मामले में …

Jharkhand: SI could not identify Naxalite Kundan Pahan, court acquitted him due to lack of evidence, in the case of attack on police party in 2009...

Jharkhand Naxal Kundan Pahan । पूर्व नक्सली कुंदन पाहन को कोर्ट ने बरी कर दिया है। दरअसल कुंदन पाहन पर पुलिस पार्टी पर हमले का आरोप था, लेकिन साक्ष्य के अभाव में नक्सली को कोर्ट ने रिहा करने का आदेश दिया। दरअसल अपर न्यायायुक्त संजीव झा की अदालत ने पूर्व माओवादी कुंदन पाहन मामले में सुनवाई हुई।

 

दरअसल पूरी घटना 24 अक्टूबर 2009 की है। पुलिस को सूचना मिली थी कि जोन्हा फाल के पास माओवादी दस्ता किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहा है।सूचना पर मूरी ओपी और अनगड़ा थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ छापेमारी करने के लिए निकले थे। इसी दौरान पुलिस और नक्सली दस्ते का आमना-सामना हो गया। दोनों ओर से गोलीबारी हुई थी। फिर नक्सली फरार हो गए।

 

घटना के बाद पुलिस ने मौके से हथियार और विस्फोटक बरामद किए थे। मामले में पहले भी कई आरोपित बरी हो चुके हैं।इस मामले में अनगड़ा के तत्कालीन एसआइ कृष्ण कुमार ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी, लेकिन कोर्ट में उन्होंने माओवादी कुंदन पाहन को पहचानने से इन्कार किया गया।

 

एसआई ने अपने बयान में कहा कि वह किसी माओवादी को पहचान नहीं पाए। जब माओवादी दस्ते से पुलिस की मुठभेड़ हुई थी, तो शाम का समय था। गोलीबारी होने के दौरान माओवादी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गए। इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ था। अभियोजन पक्ष की ओर से मात्र दो गवाही दर्ज कराई गई थी। लेकिन माओवादी कुंदन पाहन पर आरोप साबित नहीं किया जा सका। कुंदन पाहन 14 मई 2017 से जेल में बंद हैं। उन्होंने झारखंड पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया था।

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