झारखंड: बिना रजिस्ट्रेशन व लाइसेंस के मजदूरों को भेजा विदेश, अब नियोजकों पर दर्ज हुई FIR, मजदूरों को वापस झारखंड लाने की भी तैयारी

Jharkhand: Workers sent abroad without registration and license, now FIR registered against employers, preparations to bring workers back to Jharkhand

रांची। विदेश में फंसे झारखंड के मजदूरों को लेकर मुख्यमंत्री ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर श्रमिकों का वेतन रोकने और जालसाजी कर कैमरून भेजने वाले नियोजकों पर प्राथमिकी दर्ज कर दी गयी है। साथ ही, कैमरून में फँसे झारखण्डी श्रमिकों के वेतन भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद श्रमायुक्त ने नियोजकों/नियोक्ताओं के विरुद्ध हजारीबाग, बोकारो और गिरिडीह में प्राथमिकी दर्ज करा दी है।

 

प्राथमिकी में इस बात का जिक्र किया गया है कि नियोजकों द्वारा श्रमिकों को अन्तर्राज्यीय प्रवासी श्रमिक (नियोजन का विनियमन और सेवा शर्त) अधिनियम, 1979 के अन्तर्गत बिना प्रवासी मजदूर के रूप में निबंधन कराये एवं बगैर लाइसेंस प्राप्त किए। धोखे एवं जालसाजी कर श्रमिकों को मध्य अफ्रीका स्थित कैमरून भेजा गया है जो गैरकानूनी है।

 

 

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री को विगत झारखण्ड के श्रमिक कैमरून से भारत वापसी एवं वेतन भुगतान की की मांग कर रहे थे। मामले की जानकारी के बाद मुख्यमंत्री ने राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया था। श्रमिकों के सुरक्षित वापसी का भी प्रयास किया जा रहा है। आपको बता दें कि कैमरून में कार्यरत झारखंड के श्रमिकों की शिकायत प्राप्त हुई है कि वो M/s Transrail Lighting Limited, कैमरून, सेंट्रल अफ्रीका में कार्यरत हैं।

 

इन सभी श्रमिकों का तीन माह का वेतन लंबित है और वे भारत वापसी की मांग कर रहे हैं। मामले की जानकारी के बाद मुख्यमंत्री ने राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया। हालांकि जो खबरें हैं उसके मुताबिक कंपनी की तरफ से अब मजदूरों वेतन का भुगतान तो कर दिया गया है, लेकिन अभी भी अन्य साधन उन्हें नहीं दिये जा रहे हैं।

 

मुख्यमंत्री के आदेश के बाद श्रमायुक्त के दिशा निर्देश में राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने श्रमिकों और संबंधित कंपनी से संपर्क किया. कंपनी ने बताया कि श्रमिकों को $100(डॉलर) प्रति माह का भुगतान किया गया है और बाकी बकाया राशि उनके भारतीय खातों में ट्रांसफर की जाएगी। श्रमिकों ने इस भुगतान की पुष्टि की है।

 

श्रमायुक्त के निर्देश पर राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने कंपनी को अनुबंध की प्रति, वेतन भुगतान की जानकारी और अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश एवं श्रम विभाग ने POE रांची और अन्य संबंधित विभागों को पत्र भेजा है और आवश्यक कार्रवाई का अनुरोध किया है।

कंपनी से कंट्रोल रूम ने पुनः संपर्क किया है उन्होंने मामले के शीघ्र निपटारे का आश्वासन दिया है, जिसके अनुसार उप-कॉन्ट्रैक्टर से बातचीत कर श्रमिकों के बकाया वेतन भुगतान का समाधान किया जाएगा. बकाया राशि उनके भारतीय खातों में ट्रांसफर की जाएगी।

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