झारखंड : SDO अशोक कुमार पर लगा था हत्या का आरोप…अब केस करने वाले भाई का चौंकाने वाला दावा

SDO Ashok Kumar was accused of murder...now the brother who filed the case makes a shocking claim

26 दिसंबर 2024 को हजारीबाग के झील रोड स्थित एसडीओ आवास में एसडीओ की पत्नी अनिता देवी गंभीर रूप से झुलस गई थी। जिनका इलाज के दौरान मौत हो गई। उनके निधन के बाद मृतिका अनिता देवी के भाई राजकुमार गुप्ता सहित अन्य परिजन, समाजसेवी एवं राजनीतिक दल के लोगों ने लोहसिंघना थाना का घेराव भी किया था। इस मामले में मृतिका के भाई के फर्द ब्यान पर लोहसिंघना थाना में मामला दर्ज किया गया था।

इस मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। जब सूचक राजकुमार गुप्ता ने एक शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट को जानकारी दी है कि घटना के बाबत जब उन्होंने इसकी जांच पड़ताल और पूछताछ अपने स्तर से की तो सच्चाई उनके सामने आ गई। उन्हें यह जानकारी मिली कि उनकी बहन की हत्या किसी ने नहीं की थी। बल्कि वह एक दुर्घटना में जली थी। और पूर्व एसडीओ अशोक कुमार पूरी तरह से निर्दोष हैं। और वे अपनी पत्नी व उनकी बहन को किसी प्रकार से प्रताड़ित नहीं किया करते थे। उन्होंने कोर्ट को यह भी जानकारी दी है कि गलतफहमी के कारण यह मामला दर्ज हो गया था। और वे नहीं चाहते हैं कि बेवजह किसी पर कोई मुकदमा चले।

बता दें कि पत्नी अनिता देवी के एसडीओ आवास में जलकर मृत्यु मामले में आरोपी पति पूर्व एसडीओ अशोक कुमार वर्तमान में न्यायिक हिरासत में लोक नायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा में हैं। मामला मृतका के भाई व सूचक राजकुमार गुप्ता के द्वारा लोहसिंघना थाना दर्ज कराया गया था। जिसमें उन्होंने पूर्व एसडीओ अशोक कुमार के खिलाफ अनिता देवी के हत्या का आरोप लगाया था। जिसके बाद पूरे शहर में इस मामले को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा था। और इस मामले में अभियुक्तों की गिरफ्तारी को लेकर थाना का घेराव और धरना प्रदर्शन भी हुआ था। जिसके बाद पूर्व एसडीओ अशोक कुमार की गिरफ्तारी रांची से हुई थी।

सूचक राजकुमार गुप्ता ने पुलिस के वरीय पदाधिकारियों को भी इस बाबत एक आवेदन के माध्यम से जानकारी दी है। अब देखना यह है कि उक्त संबंधित मामले में न्यायालय का क्या आदेश आता है। और पुलिस इस मामले में क्या कदम उठाती है। अगर सूचक की बात सही है, तो पूर्व एसडीओ अशोक कुमार को इसका कितना लाभ मिलेगा और न्यायिक हिरासत से वे कब बाहर निकल पाएंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार व्यवहार न्यायालय हजारीबाग में पहले अग्रिम जमानत और बाद में नियमित जमानत याचिका पूर्व एसडीओ के द्वारा दाखिल किया गया था। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

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