झारखंड : पालतू कुत्ते-बिल्ली का पंजीकरण जरूरी, नहीं तो देना होगा जुर्माना, जानिए कैसे करें रजिस्ट्रेशन

Registration of pet dogs and cats is necessary, otherwise you will have to pay a fine, know how to do the registration.

झारखंड राज्य के शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों को अब अपने पालतू कुत्ते और बिल्ली का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा.कोर्ट के संज्ञान मामले में दिए गए आदेश के बाद शहरी निकायों ने आम सूचना जारी कर लोगों को दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए कहा है. इन पशुओं को पालने वालों को नगर निकायों में जाकर पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी करनी होगी. नगर विकास विभाग के निर्देश के बाद गढ़वा नगर परिषद ने लोगों के लिए आम सूचना जारी हो गई है. राज्य की अन्य निकायों में भी सूचना जारी करने की तैयारी पूरी हे गई है.नगर निकायों ने आदेश जारी किया है कि जो लोग पंजीकरण नहीं कराएंगे, उन पर झारखंड नगरपालिका अधिनियम-2011 के तहत कार्रवाई की जाएगी. आम नागरिकों के लिए पंजीकरण शुल्क 100 रुपए एवं व्यवसायिक व प्रजनन के लिए 1000 रुपए निर्धारित है. पंजीकरण कराने के समय मालिकों को अपना पहचान पत्र, टीकाकरण प्रमाण पत्र, जीव का फोटो लाना होगा. बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने देश में बढ़ रही आवारा कुत्तों द्वारा बच्चों और बड़ों को काटे जाने की घटनाओं में वृद्धि को खतरनाक बताया है.

पिछले दो साल में 2034 कुत्ते व 2132 कुतिया को एंजी रैबीज सूई दिया जा चुका है

उच्चतम न्यायालय ने इस पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए राज्यों को आदेश दिया है कि सभी संस्थागत स्थलों से आवारा कुत्तों को तुरंत हटाया जाए.अदालत ने आदेश दिया है कि सभी राज्यों के मुख्य सचिव न्यायालय को अनुपालन की रिपोर्ट देंगे. रांची नगर निगम में कुत्तों का पंजीकरण काफी कम रांची निगम क्षेत्र में करीब 25 हजार पालतू कुत्ते हैं. इनमें से एक हजार कुत्तों का पंजीकरण है. निगम क्षेत्र में 2017 में हुए सर्वे में 1.25 लाख कुत्ते थे.2012 की गणना में 37 हजार से अधिक कुत्ते थे. निगम ने इस वर्ष के अगस्त तक 1.33 लाख आवारा कुत्तों का बंध्याकरण किया है. बंध्याकरण का अभियान एनिमल बर्थ कंट्रोल एक्ट 2023 के मुताबिक नए सिरे से चल रहा है. पिछले दो साल में 2034 कुत्ते व 2132 कुतिया को एंजी रैबीज सूई दिया जा चुका है. जानकार कहते  है कि घरों में कुत्ता पालने वाले शौकीनों में उनके निबंधन को लेकर उदासीनता है. इसी वजह से लापरवाही बरतने की वजह से कई बार कुत्तों के किसी को काट खाने के बाद विषम परिस्थिति उत्पन्न हो जाती है. पशुपालन विभाग की ओर से कुत्तो की आबादी पर अंकुश को लेकर निगम से समन्वय किया जाता है. वही दूसरी तरफ जरूरत पड़ने पर एंटी रैबीज टीका भी उपलब्ध कराया जाता है.

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