झारखंड: IAS मनीष से पूछताछ आज, टेंडर का खेल कब से ? किस-किस का कितना हिस्सा? सब राज जानेगी ईडी
![झारखंड: IAS मनीष से पूछताछ आज, टेंडर का खेल कब से ? किस-किस का कितना हिस्सा? सब राज जानेगी ईडी झारखंड: IAS मनीष से पूछताछ आज, टेंडर का खेल कब से ? किस-किस का कितना हिस्सा? सब राज जानेगी ईडी](https://www.hpbl.co.in/wp-content/uploads/2024/05/IAS-MANISH-4.jpg)
रांची। टेंडर घोटाले में जांच की कड़ियां आज और लंबी हो सकती है। कमीशन घोटाले में किसने कितना कमीशन लिया? किन-किन टेंडर को मैनेज कर कमीशन का खेल खेला गया? कब से कमीशन में घोटाला चल रहा था ? इन सब सवालों का जवाब ED जानना चाहेगी। टेंडर कमीशन घोटाले में आज आईएएस मनीष रंजन को ईडी के सामने पेश होना है। झारखंड के रूरल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट के टेंडर कमीशन और कैश स्कैंडल में ईडी आज सीनियर आईएएस मनीष रंजन से पूछताछ करेगी।
रांची के एयरपोर्ट रोड स्थित ईडी के कार्यालय में उपस्थित होने को कहा गया है। मनीष रंजन फिलहाल पथ निर्माण एवं भवन विभाग के सेक्रेटरी हैं। इसके पहले वह रूरल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी रहे हैं। ईडी ने 6-7 मई को मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल और घरेलू सहायक जहांगीर आलम एवं कुछ अन्य लोगों के ठिकानों पर की गई छापेमारी में 37 करोड़ के ज्यादा कैश के अलावा कई कागजात और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए थे।
साक्ष्यों के आधार पर जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, रूरल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट में कमीशनखोरी के संगठित खेल का खुलासा हो रहा है। आईएएस मनीष रंजन को इस कमीशनखोरी नेटवर्क की अहम कड़ी माना जा रहा है। ईडी ने इस स्कैम में गिरफ्तार किए गए मंत्री के पीएस संजीव कुमार लाल एवं जहांगीर आलम से 14 दिनों तक रिमांड पर पूछताछ की और इसके बाद कोर्ट में मंगलवार को एक एक्सेल शीट एवं कागजात पेश किए।
इन कागजात में बताया गया है कि जिन लोगों के बीच कमीशन की राशि बंटती रही है, उनके नाम कोर्ड वर्ड में एच, एम, एस, टीसी, सीई आदि लिखे गए हैं। ईडी ने कोड वर्ड्स को डिकोड किया है।
एम का मतलब मनीष, कहीं ये वहीं मनीष रंजन तो नहीं
ईडी ने मंगलवार को कोर्ट में संजीव लाल व उनके नौकर जहांगीर आलम को प्रस्तुत किया था। ईडी ने कोर्ट में पेशी के वक्त जो पेपर कोर्ट में सौंपा था, उसमें ग्रामीण विकास विभाग में कमीशन के लेन-देन से संबंधित पेपर भी था। इसमें कोड में भी कुछ नाम लिखे गए थे। इनमें एक नाम एम से है, जिसके बारे में दावा किया गया है कि एम का मतलब मनीष। अब मनीष कौन, कहीं मनीष रंजन तो नहीं, इसकी भी ईडी छानबीन कर रही है। इस एम नाम के व्यक्ति को टेंडर कमीशन में 4.22 करोड़ रुपये का कमीशन गया है। अगर ये वही मनीष हैं तो भविष्य में इनकी परेशानियां बढ़ सकती है।