झारखंड: सालों से खाली पड़े हैं लोकायुक्त व मानवाधिकार आयोग में पद, भाजपा ने उठाया सवाल, कहा, लोग हो रहे हैं न्याय से वंचित
Jharkhand: Posts in Lokayukta and Human Rights Commission are lying vacant for years, BJP raised questions, said, people are being deprived of justice

Jharkhand News: झारखंड में कई संवैधानिक पद खाली पड़े हैं। पदों के खाली रहने से लगातार केस पेंडिंग होते जा रहे हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने वाली संस्थाओं में भी पदों पर नियुक्तियां नहीं हुई है। हालांकि माना जा रहा है कि हेमंत सरकार अब लोकायुक्त व मानवाधिकार आयोग में नियुक्ति की दिशा में कदम बढ़ायेगी। इधर खाली पड़े पदों को लेकर बाबूलाल मरांडी ने सवाल उठाया है।
मरांडी ने कहा है कि संवैधानिक संस्थाओं में खाली पदों के कारण आम जनता को न्याय नहीं मिल पा रहा। राज्य में लोकायुक्त, सूचना आयोग और मानवाधिकार आयोग जैसे महत्वपूर्ण संस्थानों में लंबे समय से पद खाली हैं, जिससे लोगों की अर्जियों पर सुनवाई नहीं हो रही।
लोकायुक्त कार्यालय में 2000 से अधिक मामले लंबित हैं। पूर्व लोकायुक्त जस्टिस डीएन उपाध्याय का कार्यकाल जून 2021 में समाप्त हो गया, और तब से यह पद खाली है।
इसके कारण भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों की सुनवाई ठप हो गई है। राज्य मानवाधिकार आयोग भी पूरी तरह से बंद है। मानवाधिकारों की रक्षा के लिए बनाए गए इस आयोग में पिछले लंबे समय से अध्यक्ष और सदस्य नहीं हैं जिससे लोग मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में न्याय पाने से वंचित हो रहे हैं। राज्य महिला आयोग की स्थिति भी बेहद खराब है।
महिलाओं की समस्याओं और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए यह आयोग काम करता है, लेकिन अध्यक्ष और सदस्यों के अभाव में शिकायतों की सुनवाई नहीं हो रही। सूचना आयोग में भी पद खाली रहने के कारण प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता की कमी और सरकार की जवाबदेही कमजोर पड़ रही है, साथ ही भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने भी संवैधानिक संस्थाओं में नियुक्तियां समय पर करने की आवश्यकता पर बल दिया है, लेकिन झारखंड में अभी तक इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। आपको बता दें कि मानवाधिकार आयोग में भी शिकायतें पेंडिंग हैं, लेकिन आयोग के चेयरमैन की नियुक्ति नहीं होने से शिकायतों का निपटारा नहीं हो पा रहा है। ऐसे में अब इंतजार है कि सरकार इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाये।