देवघर एयरपोर्ट की सुरक्षा से हटाए जाएंगे झारखंड पुलिस के जवान, ये है वजह..
झारखंड: देवघर एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था से झारखंड पुलिस के जवानों-पदाधिकारियों को हटाया जाएगा। हाल में हुए उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री और भाजपा सांसद डा निशिकांत दुबे विवाद के बाद एसपी देवघर ने अपनी अनुशंसा पुलिस मुख्यालय और सरकार से की है। उन्होंने इन जवानों-पदाधिकारियों के स्थान पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) को प्रतिनियुक्त करने की मांग की है।
एयरपोर्ट सुरक्षा के लिए जवान प्रशिक्षित नहीं : एसपी
एसपी ने अपने पत्र में उक्त विवाद का जिक्र नहीं किया है। उन्होंने लिखा है कि देवघर हवाई अड्डा की सुरक्षा में लगे राज्य पुलिस के सुरक्षा कर्मियों को हवाई अड्डा की सुरक्षा का अनुभव नहीं है, जिसके चलते सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी में कठिनाइयां हो रही है। यह भी तर्क दिया गया है कि देवघर जिले में बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर व गिरिडीह जिला में जैन धर्मावलंबियों का तीर्थ स्थल अवस्थित है, जिसके चलते यहां देश-विदेश से श्रद्धालुओं व सीमावर्ती राज्य बिहार व बंगाल का नजदीकी हवाई अड्डा होने के कारण इन राज्यों से यात्रियों का आवागमन हो रहा है। यह हवाई अड्डा संवेदनशील है, इसलिए यहां प्रशिक्षित बल ही सुरक्षा में रहे तो यात्रियों को भी परेशानी नहीं होगी और सुरक्षा व्यवस्था भी पुख्ता होगी। सीआइएसएफ इसके लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित बल है।
सुरक्षा में तैनात हैं पुलिस के 137 पदाधिकारी-जवान
देवघर हवाई अड्डा का उद्घाटन 12 जुलाई को प्रधानमंत्री ने किया था। यहां से अंतरराज्यीय विमानों का नियमित उड़ान प्रारंभ हो चुका है। यहां की सुरक्षा के लिए राज्य स्तर पर एक डीएसपी, दो इंस्पेक्टर, सात दारोगा, 17 एएसआइ, 16 हवलदार, 94 सिपाही यानी कुल 137 पुलिस पदाधिकारी-कर्मी प्रतिनियुक्त किए गए हैं।
निशिकांत दुबे और मंजूनाथ भजंत्री में हुआ विवाद
मालूम हो कि पिछले दिनों देवघर एयरपोर्ट के प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने को लेकर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, उनके दो पुत्रों और भाजपा सांसद मनोज तिवारी पर देवघर उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। वहीं, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने दिल्ली में उपायुक्त पर देशद्रोह समेत कई अन्य आरोपों में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। यह विवाद इतना बढ़ गया था कि देर रात टविटर पर भाजपा सांसद और उपायुक्त एक दूसरे के खिलाफ टवीट करते रहे। देवघर उपायुक्त पर देशद्रोह की प्राथमिकी से झारखंड सरकार के आइएएस अफसर नाराज हैं। आइएएस अफसरों ने इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से शिकायत भी कर रखी है।