झारखंड: “अफसर नहीं उठाते हैं फोन…वो 3-4 नंबर रखते हैं” बाबूलाल मरांडी का आरोप, बोले, मुख्यमंत्री की आंखों में धूल झोंक रहे अफसर
Jharkhand: "Officers don't pick up the phone...they keep 3-4 numbers" alleges Babulal Marandi, saying officers are fooling the Chief Minister.

रांची। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था और कानून-व्यवस्था पर बेहद गंभीर सवाल उठाये हैं। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा किया है।
मरांडी ने कहा कि सुबह लगभग 11 बजे उन्होंने बोकारो जिले के एसपी, डीसी और एसडीओ से एक जनसरोकार से जुड़े मुद्दे पर बात करने की कोशिश की, लेकिन हैरानी की बात है कि तीनों अधिकारियों के सरकारी और गैर-सरकारी सभी नंबर स्विच ऑफ थे। उन्होंने तीखा तंज कसते हुए कहा — “अगर दिन के 11 बजे जिले के शीर्ष अधिकारी ही संपर्क से बाहर हों, तो यह बताने की जरूरत नहीं कि सरकार कितनी गंभीरता से काम कर रही है।”
अफसरों के पास तीन-तीन और चार-चार नंबर
बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया कि झारखंड के अधिकांश वरिष्ठ अधिकारी कई मोबाइल नंबर रखते हैं — एक सरकारी, जिसे वे कभी उठाते नहीं; दूसरा निजी, जो केवल दोस्तों और रिश्तेदारों के लिए होता है; और तीसरा “सीक्रेट नंबर”, जो सेटिंग-गेटिंग और धंधे के काम आता है। उन्होंने दावा किया कि कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी तो सात-आठ मोबाइल फोन तक रखते हैं और उनके लिए वसूली का काम करने वाले लोग अलग-अलग नंबर से नेटवर्किंग का संचालन करते हैं।
“मुख्यमंत्री की आंखों में धूल झोंक रहे अफसर”
मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चुनौती दी कि वे खुद जांच कराएं और देखें कि किस तरह अधिकारी बेनामी नंबरों से अवैध कारोबार और वसूली के धंधे चला रहे हैं। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री को इस पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए। अधिकारियों को कुर्सी पर बैठने के लिए नहीं, बल्कि जनता की सेवा के लिए नियुक्त किया गया है। अगर जनप्रतिनिधियों को ही अधिकारियों से बात करने में इतनी कठिनाई हो रही है, तो आम जनता का हाल क्या होगा?”