रांची: आय से अधिक संपत्ति के मामले में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) प्रमुख और राज्यसभा सदस्य शिबू सोरेन के विरुद्ध लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम-2013 के प्रविधानों के तहत भारत के लोकपाल द्वारा शुरू की गई कार्यवाही पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को रोक लगा दी।

5 अगस्त 2020 को लोकपाल में शिकायत

बता दें कि झारखंड के गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत पर लोकपाल ने कार्यवाही शुरू की थी। लोकपाल में 5 अगस्त 2020 को झामूमो अध्यक्ष शिबू सोरेन और उनके परिवार पर कथिक तौर पर गैर-कानूनी साधनों के जरिए आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।

कोयला मंत्री रहते हुए अकूत संपत्ति अर्जित करने का आरोप

सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत में कहा गया कि शिबू सोरेन और उनके परिवार के लोगों ने कोयला मंत्री के पद पर रहते हुए अकूत संपत्ति अर्जित की। यह संपत्ति झारखंड समेत देश के अन्य राज्यों में है। लगभग तीन दर्जन अचल संपत्ति की सूची लोकपाल को सौंपी गई थी।

भाजपा सांसद ने आरोप लगाया कि शिबू सोरेन के परिवार ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए गलत तरीके से कई व्यवसायिक और आवासीय संपत्तियां अर्जित की हैं। शिबू सोरेन पर सरकारी खजाने का नुकसान करने का आरोप है।

12 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई

शिबू सोरेन को इस मामले में बड़ी राहत देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने लोकपाल की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी।

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