झारखंड : मंत्री इरफान अंसारी ने सीपी सिंह को दिया कांग्रेस जॉइन करने का ऑफर, मचा बवाल!
Minister Irfan Ansari offers CP Singh to join Congress, sparks uproar!

हेमंत कैबिनेट के मंत्री व कांग्रेस नेता डॉ इरफान अंसारी ने भाजपा के वरिष्ठ विधायक सी.पी सिंह को एक भावनात्मक पत्र लिखकर झारखंड की सियासत में हलचल मचा दी है. यह पत्र डॉ. अंसारी ने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर साझा की है. जिसमें उन्होंने भाजपा के भीतर सीपी सिंह की कथित उपेक्षा पर गहरा दुख व्यक्त किया और पार्टी छोड़ने की अप्रत्यक्ष सलाह दी.
आदरणीय रांची विधायक श्री C.P. सिंह जी के नाम कुछ भावनात्मक पत्र….
सीपी बाबू,
मैं आपको वर्षों से जानता हूँ – पार्टी कोई भी रही हो, मैंने हमेशा सच्चाई का साथ दिया है और आपने भी मुझे अपने बेटे जैसा स्नेह और मार्गदर्शन दिया है।
राजनीति के सफर में आपने मुझे न सिर्फ़ रास्ता दिखाया,… pic.twitter.com/QXTO8rJvUn
— Dr. Irfan Ansari (@IrfanAnsariMLA) October 4, 2025
मंत्री इरफान अंसारी ने रांची विधायक सीपी सिंह को ‘सीपी बाबू’ संबोधित करते हुए उन्हें अपना मार्गदर्शक और पिता तुल्य बताया है. उन्होंने लिखा, मैं आपको वर्षों से जानता हूं. आपने भी मुझे अपने बेटे जैसा स्नेह और मार्गदर्शन दिया है. राजनीति के सफर में आपने मुझे न सिर्फ़ रास्ता दिखाया, बल्कि कई बार आईना भी – जो एक सच्चे मार्गदर्शक की पहचान होती है.
डॉ. इरफान अंसारी ने सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी पर सीपी सिंह को यथोचित सम्मान न देने का आरोप लगाया. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, आज जब मैं देखता हूं कि भारतीय जनता पार्टी जैसे संगठन में भी आपको वह सम्मान नहीं मिल रहा, जिसके आप वास्तविक अधिकारी हैं – तो दिल से दुख होता है.
सीपी सिंह से मंत्री ने क्या पूछा सवाल?
इस मामले को एक बड़ा जातिगत और वैचारिक मोड़ देते हुए. उन्होंने सवाल किया कि क्या इसके पीछे कोई खास वजह है.उन्होंने पूछा क्या यह सिर्फ़ विचारधारा का मामला है. या फिर सवाल यह है कि कहीं स्वर्ण जाति का होना ही आपके सम्मान में बाधा बन गया है. क्या भाजपा अब स्वर्ण समाज को हाशिए पर रखना चाहती है?
मंत्री अंसारी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सीपी सिंह को नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद दिए जाने चाहिए थे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. उन्होंने इसे ‘जानबूझकर उपेक्षा’ बताया, जिसे देखकर उनका चुप रहना कठिन हो गया है.
“विचारधार अलग हो सकती है रिश्ता…”
अपने और सीपी सिंह के बीच के व्यक्तिगत रिश्ते का हवाला देते हुए, डॉ. अंसारी ने लिखा, “मैं कांग्रेस में हूं, आप भाजपा में हैं – विचारधारा अलग हो सकती है.पर रिश्ता तो वही है – बेटे का.” भावुक होते हुए उन्होंने कहा कि एक बेटा यह देखकर नहीं सह सकता कि जिस व्यक्ति ने अपनी पार्टी को जीवन समर्पित कर दिया, आज उसे ही पार्टी दरकिनार कर रही है. पत्र का अंत करते हुए, डॉ. इरफान अंसारी ने सीपी सिंह को एक महत्वपूर्ण सलाह दी: “अब बहुत हो गया. जहां सम्मान न मिले, वहां रुकने का क्या मतलब? आपका सम्मान मेरे लिए सर्वोपरि है.”
उन्होंने यह भी कहा कि सीपी सिंह जैसे अनुभवी, विचारशील और ज़मीन से जुड़े नेता का अपमान केवल झारखंड ही नहीं, राजनीति का भी अपमान है. यह भावनात्मक पत्र ऐसे समय आया है जब झारखंड भाजपा में आंतरिक तौर पर बड़े संगठनात्मक बदलावों और नेतृत्व की चर्चाएं ज़ोरों पर हैं.