झारखंड : मंत्री दीपिका पांडेय का बड़ा दावा…केंद्र पर बकाया हो जाएगा 2 लाख 36 हजार करोड़!

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर कोल रॉयल्टी के बकाया को लेकर हमलावर हैं. झारखंड सरकार कोल रॉयल्टी के 1 लाख 36 हजार करोड़ बकाया रुपयों की मांग कर रही है. अब इस बकाया राशि को लेकर सूबे की ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने भी केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा केंद्र झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है. उन्होंने यह भी कह दिया है कि अब 1 लाख 36 हजार करोड़ नहीं बल्कि 2 लाख 36 हजार करोड़ का बकाया केंद्र के पास है.
दुमका पहुंची दीपिका पांडेय
दरअसल, एक केस के सिलसिले में मंत्री दीपिका पांडे सिंह आज दुमका पहुंची. परिषदन में मीडिया से बातचीत की. मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि मनरेगा का लगभग 600 करोड रुपया केंद्र के पास बकाया है. इसी तरह आवास की योजना को जोड़ दिया जाए तो हजारों करोड़ रूपया हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ऐसी तमाम छोटी बड़ी योजनाएं जहां केंद्र सरकार को सहयोग करनी चाहिए थी, आम लोगों की जरूरत से जुड़ी योजना है उसका बकाया नहीं दे रही है.
मंत्री दीपिका पांडेय ने कहा कि वित्त विभाग इन सब चीजों का ब्यौरा तैयार कर रहा है. हम लोग भी अपने विभाग का रिपोर्ट आने वाले कैबिनेट में वित्त मंत्री को देंगे कि कितना केंद्र सरकार के पास बकाया है. उन्होंने कहा कि रॉयल्टी के अतिरिक्त अन्य केन्द्रांश की बकाया राशि को जोड़ दिया जाए तो बकाया बढ़कर लगभग 2 लाख 36 हजार करोड़ रुपए हो जाएंगे.
मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने भी बोला हमला
बता दें बीते कल पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने भी बकाया राशि को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला था. मंत्री ने कहा था नल जल योजना का 6500 करोड़ रुपैया केन्द्रांश नहीं मिलने से पेयजल आपूर्ति की कई योजनाएं अधर में लटकी हैं.
आंदोलन का रास्ता भा अपनाएंगे
मंत्री दीपिका पांडे ने कहा कि केंद्र सरकार अगर राशि देना नहीं चाह रही है तो इसे पाने के लिए अगर जरूरत पड़ी तो आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि झारखंड आंदोलनकारियों की भूमि रही है. उन्होंने कहा कि अब तो सभी चुनाव भी संपन्न हो गया है. आखिर क्यों केंद्र सरकार झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है यह समझ से परे है. अगर अपने हक के लिए आंदोलन का रास्ता भी अख्तियार करना पड़ा तो झारखंड के लोग पीछे नहीं हटेंगे.
सीएम ने पीएम को लिखा
बता दें कि सीएम हेमंत सोरेन झारखंड के कोल रॉयल्टी की मांग करते हुए पीएम मोदी को खुला पत्र भी लिख चुके हैं. हेमंत सोरेन ने लिखा है कि वे भाजपा के दोस्तों खास कर सांसदों से अपील करेंगे कि वे हम झारखंडियों के इस बकाये को दिलाने में हमारी मदद करें. सीएम द्वारा जारी खुले पत्र में कहा गया था कि कोयला रॉयल्टी के रूप में 2900 करोड़ रुपये, पर्यावरण मंजूरी सीमा उल्लंघन के लिए 32000 करोड़ रुपये , भूमि अधिग्रहण मुआवजे के रूप में 41,142 करोड़ रुपये और इस पर लगी सूद की राशि 60,000 करोड़ रुपये पीएम मोदी झारखंड को लौटा दें.
मालूम हो कि कुछ समय पहले इस बकाया राशि की मांग को लेकर झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी से मुलाकात की थी. वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने केंद्र से कोयला उत्खन्न क्षेत्र में 1 लाख 36 हजार करोड़ की बकाया राशि की मांग की. इससे संबंधित एक ज्ञापन भी दोनों केंद्रीय मंत्रियों को सौंपा था.