झारखंड में क्या 7 दिन में होने वाला है तख्ता पलट ? निशिकांत दुबे के ट्वीट ने फिर मचायी सनसनी, चंपाई सोरेन को लेकर कह दी बड़ी बात…

jharkhand mein kya 7 din mein hone vaala hai takhta palat ? nishikaant dube ke tveet ne phir machaayee sanasanee, champai soren ko lekar kah dee badee baat…

रांची। …तो क्या अगले सात दिन में झारखंड में तख्तापलट हो जायेगा? क्या चंपाई सोरेन की कुर्सी छिन ली जायेगी? क्या झारखंड की नयी मुख्यमंत्र कल्पना सोरेन बनेगी। एक बार फिर सियासी गलियारों में निशिकांत दुबे ने सनसनी मचा दी है। निशिकांत दुबे ने ट्वीट कर फिर चंपाई सोरेन की कुर्सी जाने और कल्पना सोरेन की ताजपोशी की भविष्यवाणी की है।

आपको बता दें कि गांडेय उपचुनाव के पहले ही सांसद निशिकांत दुबे ने भविष्यवाणी की थी कि झारखंड में चंपाई सोरेन को कुर्सी छोड़ने के लिए हेमंत सोरेन ने निर्देश दे दिया है। गांडेय उपचुनाव में जीत हो या फिर हार कल्पना सोरेन ही झारखंड की अगली मुख्यमंत्री होगी। अब उपचुनाव में जीत के बाद निशिकांत दुबे ने एक बार फिर से नये पोस्ट लिखकर सनसनी फैला दी है। निशिकांत दुबे ने लिखा है…

चम्पाई दा होशियार,कल्पना भाभी आ गई हैं,झारखंड की वर्तमान सरकार के लिए आने वाला 7 दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाला है

लोकसभा चुनाव में कल्पना सोरेन में दिखी नेतृत्व क्षमता
इस बार लोकसभा चुनाव में कल्पना सोरेन के अंदर नेतृत्व क्षमता दिखी। उन्होंने ना सिर्फ गांडेय का उपचुनाव जीता, बल्कि पिछली बार की तुलना में लोकसभा चुनाव में इस बार झामुमो को ज्यादा सीट भी दिलायी। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद वह लोकसभा चुनाव में झामुमो का चेहरा बनीं और पार्टी का शानदार नेतृत्व किया. उनके नेतृत्व में ही पार्टी ने रांची में शानदार रैली का आयोजन किया. चुनाव के दौरान वो राज्य के कई इलाकों में घूम-घूम कर इंडिया गठबंधन का प्रचार किया. परिणाम ये हुआ कि साल 2019 और 2014 की तुलना में इंडिया गठबंधन ने इस बार शानदार प्रदर्शन किया.

कल्पना सोरेन ने जीता गांडेय का उपचुनाव

कल्पना सोरेन को जब पार्टी ने गांडेय उपचुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया तो पूरे दमखम के साथ चुनाव प्रचार किया. इसका उन्हें जबरदस्त फायदा भी मिला. उन्होंने अपने निकटम प्रतिद्वंदी दिलीप वर्मा को 27 हजार वोटों के बड़े अंतर से हराया. साथ ही उनकी पार्टी ने 3 लोकसभी सीटों पर कब्जा जमाया. बता दें कि इससे पहले वह सक्रिय राजनीति से हमेशा दूर रही. रांची में वह एक प्ले स्कूल चलाती रहीं और अपने परिवार के जिम्मेदारियों को संभाला.

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