झारखंड: मंईया सम्मान योजना 2500, तो विधवाओं को 5000 मिले पेंशन, महिलाओं की मांग पर बाबूलाल मरांडी बोले, पुनर्विचार करे सरकार

Jharkhand: Maniya Samman Yojana Rs 2500, while widows get Rs 5000 pension, Babulal Marandi said on the demand of women, government should reconsider

Mainya Samman Yojna : महिलाओं के जिस समर्थन के बूते हेमंत सरकार सत्ता में लौटी, वही महिलाएं अब हेमंत सोरेन के खिलाफ उतर गयी है। एक तरफ जहां मंईया सम्मान योजना नहीं मिलने पर महिलाओं का आक्रोश तो जगह-जगह पर दिखायी दे ही रहा है, दूसरी तरफ अब विधवा पेंशन योजना की लाभार्थी भी हेमंत सोरेन के खिलाफ लामबंद होने लगी है। विरोध की बड़ी वजह है मंईया सम्मान योजना और विधवा पेंशन के बीच राशि का 1500 रुपये का अंतर होना।

 

महिलाएं अब सरकार से सवाल पूछ रही है कि सक्षम महिलाओं यानि जिनके पति साथ हैं, जिस उम्र में महिलाएं अपना काम कर सकती है, खुद सक्षम होकर परिवार चला सकती है, उन्हें हर माह 2500 रुपये दिया जा रहा है और जो महिलाएं विधवा है, समाज और परिवार से तिरष्कृत है, उन्हें सिर्फ 1000 रुपये दिया जा रहा है। अब महिलाएं खुलकर इसका विरोध जताने लगी है।

 

महिलाओं की मांग है कि महिलाओं को अगर 2500 रुपये दिया जा रहा है, तो विधवाओं को दोगुनी राशि यानि कम से कम 5000 रुपये दिया जाना चाहिये। महिलाओं की मांगों के साथ अब बीजेपी भी खड़ी हो गयी है। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि सक्षम महिलाओं को 2500 रुपए और विधवाओं को केवल 1000 रुपए! हेमंत सरकार किस तर्क से यह अन्यायपूर्ण अंतर पैदा कर रही है? सरकार को सबसे कमजोर वर्ग असहाय विधवा महिलाओं के अधिकारों पर कुठाराघात करने के निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए।

 

दरअसल परेशानी की बात ये भी है कि विधवा पेंशन 1000 रुपये सरकार देती तो है, लेकिन चुनाव के बाद से इसका शेड्यूल गड़बड़ हो गया है। तीन-चार महीने से विधवाओं को पेंशन की राशि नहीं मिल रही है। आलम ये है कि इस बात मकर संक्रांति के पूर्व तक उनके खाते में पैसा नहीं पहुंचा। जिससे विधवा महिलाएं काफी चिंतित है। हर किसी को लग रहा है कि मंईया सम्मान योजना की वजह से ही विधवाओं को पेंशन समय पर नहीं पा रहा है।

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