रांची: झारखंड में बड़ी तेजी से घटनाक्रम बढ़ रहा है। राजभवन की तरफ से कोई स्पष्ट निर्देश तो नहीं आया है, लेकिन खबर है कि हेमंत सोरेने की विधानसभा की सदस्यता खत्म करने की सिफारिश कर दी गयी है। अगले 2-3 घंटे में स्थिति साफ हो जायेगी। इससे पहले चुनाव आयोग ने झारखंड सीएम हेमंत सोरेन पर लाभ के पद पर होने के आरोपों पर अपनी राय राज्यपाल को भेजी है। राजभवन के सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने की भी सिफारिश की है। उधर, झारखंड में हलचल तेज हो गई है. हेमंत सोरेन की पार्टी जेएमएम ने अपने सभी विधायकों को शाम तक रांची पहुंचने के लिए कहा है। हेमंत सोरेन पर आरोप है कि खनन-वन मंत्री रहते उन्होंने अपने नाम पत्थर खनन लीज आवंटित किया था. झारखंड में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे भ्रष्ट आचरण बताया।

आज शाम तक स्थिति होगी साफ

चुनाव आयोग ने झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को एक याचिका पर अपनी राय भेजी है, जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खुद को एक खनन पट्टा जारी करके चुनावी कानून का उल्लंघन करने के लिए एक विधायक के तौर पर अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी। माना जा रहा है कि आज शाम तक स्थिति साफ हो जायेगी। हालांकि सूत्र बता रहे हैं कि 2 बजे के बाद सीलबंद चिट्ठी खुलेगी, जिसके बाद चुनाव आयोग के फैसले को राजभवन की तरफ से राज्य सरकार को भेज दिया जायेगा।आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने बंद लिफाफे में आज अपनी राय राज्यपाल को भेजी है. झारखंड के राज्यपाल ने इस मामले को चुनाव आयोग के पास भेजा था. इस मामले में बीजेपी ने शिकायत दर्ज कराई थी। भाजपा ने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9a का हवाला देते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग निर्वाचन आयोग से की थी. भाजपा ने कहा कि खनन-वन मंत्री रहते हेमंत सोरेन ने अपने नाम से खान का आवंटन किया, यह गलत है।

इस मामले में चुनाव आयोग ने जांच की थी। संविधान के अनुच्छेद 192 के तहत, किसी सदस्य को अयोग्य ठहराने के मामले में अंतिम फैसला राज्यपाल को करना होता है। हालांकि, ऐसे किसी भी मामले में कोई निर्णय देने से पहले राज्यपाल चुनाव आयोग की राय लेनी होती है और उसी के मुताबिक फैसला करना होता है।

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