रांची। झाऱखंड में आज फैसले का दिन है। खनन पट्टा मामले आज राजभवन के फैसले वाली चिट्ठी सीएम सचिवालय भेजी जा सकती है। इधर राजनीतक उथल पुथल के बीच बैठकों का सिलसिला भी शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के घर पर यूपीए विधायकों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है।

आपको बता दें कि झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन द्वारा लाभ के पद पर रहते हुए खनन का पट्टा हासिल करने के मामले में निर्वाचन आयोग ने सुनवाई पूरी होने के बाद बंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट राज्यपाल को सौंप दी है। हेमंत सोरेन रहेंगे या जायेंगे ? ये सिर्फ अभी कयासों में है। राज्यपाल रमेश बैस गुरुवार को दिल्ली से लौटने के बाद अभी तक ‘बंद लिफाफे’ में निर्वाचन आयोग की ओर से भेजी गई रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया है।

झामुमो के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने इन सब के बीच दावा किया है कि 50 से ज्यादा विधायक उनके साथ हैं।

भाजपा के कई नेता भी हमारे संपर्क में हैं। जब भी राज्यपाल कहेंगे हम बहुमत साबित करेंगे। राज्य में हालिया राजनीतिक घटनाक्रम के बीच यूपीए विधायकों की बैठक के लिए झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के आवास पर विधायक आने लगे हैं।

राजनीति के जानकार कहते हैं कि मौजूदा परिस्थिति में हेमंत सोरेन की कुर्सी को जरूर खतरा हो सकता है, लेकिन गठबंधन सरकार को किसी तरह का कोई खतरा नहीं है। झारखंड झामुमो के 30 विधायकों के अलावा कांग्रेस के 18 एवं राष्ट्रीय जनता दल के एक विधायक समेत लगभग 50 विधायकों का सरकार को समर्थन प्राप्त है। वहीं, 81 सदस्यीय विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल भाजपा के कुल 26 विधायक हैं, जबकि उसके सहयोगी आज्सू के दो विधायकों के अलावा भाजपा को दो अन्य विधायकों का आम तौर पर समर्थन मिलता रहा है. ऐसे में भाजपा एवं सहयोगियों को मिलाकर उन्हें अधिकतम 30 विधायकों का समर्थन प्राप्त है।

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