झारखंड: “JSSC-CGL पेपर लीक का स्क्रीनशॉट फॉरेंसिक जांच में मिला सही” बाबूलाल मरांडी का दावा, हेमंत सोरेन व अफसरों तक जुड़े हैं तार

Jharkhand: “JSSC-CGL paper leak screenshot found correct in forensic investigation” Babulal Marandi claims, links extend to Hemant Soren and officers

रांची: झारखंड की बहुचर्चित JSSC-CGL परीक्षा पेपर लीक घोटाले में अब एक और बड़ा मोड़ आ गया है। फॉरेंसिक जांच में यह पुष्टि हो गई है कि छात्रों द्वारा उपलब्ध कराए गए स्क्रीनशॉट पूरी तरह से सही और प्रमाणिक हैं। नेता प्रतिपक्ष ने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट कर ये बड़ा दावा किया है।

 

हाल के दिनों में JSSC सीजीएल को लेकर आये दिन नये-नये खुलासे हो रहे हैं, उससे एक बात तो साफ है कि सीजीएल परीक्षा का मामला एक बार फिर तूल पकड़ने वाला है। इससे पहले राज्य के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने बगैर किसी जांच के छात्रों को ही दोषी ठहराने की कोशिश की थी, ताकि पूरे मामले को दबाया जा सके, लेकिन इस बड़े खुलासे से एक बार फिर सरकार पर दवाब बढ़ गया है।

 

बाबूलाल मरांडी का दावा है कि फॉरेंसिक रिपोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि यह मामला केवल एक साधारण पेपर लीक का नहीं, बल्कि सुनियोजित भ्रष्टाचार और सत्ता से जुड़े प्रभावशाली लोगों की मिलीभगत का है। बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि घोटाले की जड़ें कई बड़े अधिकारियों और हेमंत सोरेन के करीबी मित्रों तक पहुंच रही हैं।

 

छात्रों की जीत, प्रशासन की हार

बाबूलाल मरांडी के दावों के बाद तो जो छात्र अब तक न्याय के लिए दर-दर भटक रहे थे और उन्हें झूठा साबित किया जा रहा था, अब फॉरेंसिक जांच के बाद उनकी बातें सच साबित हुई हैं। इससे राज्य सरकार और JSSC प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

 

CBI जांच की मांग तेज

इस पूरे प्रकरण के सामने आने के बाद नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से CBI जांच की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक इस पूरे मामले की जांच स्वतंत्र और निष्पक्ष एजेंसी द्वारा नहीं की जाती, तब तक दोषियों को सजा मिलना मुश्किल है।

 

JSSC-CGL पेपर लीक मामले में फॉरेंसिक रिपोर्ट ने जहां छात्रों को न्याय दिलाने की दिशा में रोशनी दिखाई है, वहीं राज्य सरकार पर दबाव भी बना दिया है। अब देखना होगा कि क्या राज्य सरकार इस मामले में CBI जांच की सिफारिश कर पारदर्शिता और न्याय की दिशा में कदम उठाती है, या नहीं।

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