झारखंड : JPSC 11वीं सिविल सेवा के रिजल्ट पर सरकार की चुप्पी से अभ्यर्थी हलकान, आयोग ने भी बढ़ाई मुश्किल
Candidates are worried due to the silence of the government on JPSC 11th Civil Services Result, the commission has also increased the difficulty

कलियुग कब खत्म होगा, भगवान कब कल्कि अवतार लेंगे. कब कयामत आयेगी. कब सूरज पूरब की जगह पश्चिम से निकलेगा. कब तारे जमीन पर आयेंगे. कब भारत विश्व गुरु बनेगा. कब हमारी अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन की बनेगी. सब अंसभव प्रश्न हैं लेकिन उतने नहीं जितना की ये कि, जेपीएससी 11वीं सिविल सेवा का परिणाम कब आयेगा.
कब मुख्य परीक्षा का रिजल्ट जारी करके आयोग अभ्यर्थियों का इंटरव्यू लेगा और आखिर कब अधिकारियों का फाइनल सेलेक्शन होगा. इस समय, इससे ज्यादा कठिन प्रश्न मुझे और कोई नहीं सूझा.
अब आप ही समझिए न हमारी मुश्किल.
आईएएस अधिकारियों और महान शिक्षाविदों से सजा-धजा आयोग और 81 में से 55 सीटें हासिल कर प्रचंड जनादेश वाली सरकार भी यदि नहीं बता पा रही है कि 11वीं जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम कब आयेगा तो हमारी बिसात ही क्या है. हम कैसे बताएं कि जेपीएससी 11वीं सिविल सेवा का रिजल्ट कब आयेगा.
हमारी आदत ऐसी है कि हम कठिन प्रश्नों को छोड़कर आगे बढ़ जाते हैं.
और ये क्यों, कब और कैसे वाले सवालों से तो अपना 36 का आंकड़ा है लेकिन, उन लाखों अभ्यर्थियों की उम्मीदों से जी नहीं चुरा सकते, जो पिछले 9 महीने से सवाल पूछ रहे हैं कि जेपीएससी 11वीं सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम कब जारी किया जायेगा.
जेपीएससी अभ्यर्थियों ने विरोध के नये तरीके अपनाए
सरकार सब जानती है. अगले पांच साल में झारखंड राजस्व के मुद्दे पर आत्मनिर्भर हो जायेगा.
2029 तक झारखंड विकसित राज्यों की श्रेणी में खड़ा होगा. मंईयां सम्मान योजना से मिलने वाली राशि से माएं बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर और वकील बनाएगी. झारखंड में पीएचसी, सीएचसी से लेकर रिम्स अस्पताल तक एयर एंबुलेंस की सुविधा होगी. बस सरकार यही नहीं जानती कि योजनाओं को धरातल पर उतारने वाले अधिकारियों की नियुक्ति कब होगी.
जेपीएससी का रिजल्ट कब आयेगा.
11वीं जेपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के रिजल्ट में देरी से अधीर हो चुके अभ्यर्थियों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की राह पर चलकर विरोध के तमाम रचनात्मक तरीके ईजाद किए. कभी धरना दिया तो कभी शव यात्रा निकाली. अभ्यर्थियों ने तो जेपीएससी की अंत्येष्टि करके पिंडदान और ब्रह्मभोज तक किया लेकिन, आयोग के कानों में जूं तक नहीं रेंगी.
याचना करके थक चुके अभ्यर्थियों ने रण का मूड बना लिया है.
इसके लिए भी उन्होंने संयोग का सहारा लिया है क्योंकि, उनको यह विश्वास हो चला है कि मेहनत जो करनी थी सो कर ली. जेपीएससी के मातहत नौकरी लेनी है तो संयोग और टोने-टोटके का ही सहारा लेना होगा. ऐसे में जेपीएससी 11वीं सिविल सेवा परीक्षा का रिजल्ट जारी करने की मांग को लेकर आंदोलन की तारीख भी 11 अप्रैल तय की गई है.
अभ्यर्थियों ने कहा है कि अब आर या पार होगा.
जेपीएससी की परीक्षा देने के बाद चला है लंबा आंदोलन
इसे झारखंड का दुर्भाग्य कह लीजिए या सौभाग्य. झारखंड में जेपीएससी और जेएसएससी के तहत ली जाने वाली विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए घर से निकला युवा वकील, सामाजिक कार्यकर्ता, दार्शनिक और शिक्षाविद सब बन जाता है, बस वही नहीं बन पाता जो बनने निकला था.
यहां प्रतियोगी परीक्षाओं के हालात ऐसे हैं कि अभ्यर्थी संविधान के सब अनुच्छेद जान जाते हैं. आईपीसी की धाराएं याद कर लेते हैं. मानवाधिकार के नियम समझ लेते हैं. कोर्ट से लेकर पुलिस तक का कामकाज समझ जाते हैं. एक तरह से उनके अधिकारी बनने की पूरी ट्रेनी यूं ही सड़क पर संघर्ष करते हुए ही हो जाती है लेकिन वो कभी अधिकारी बनने का सुख उठा नहीं पाता.
वजह वही है. उसे जीवनभर कभी उस परीक्षा का नियुक्ति पत्र ही नहीं मिलता, जिसे पास करने वो घर से निकला था.
यदि आप सरकार के पक्ष में हैं तो इसे सौभाग्य कहकर चरम सुख पा लीजिए और यदि तर्कसंगत सवालों के पक्षधर हैं तो झारखंड के लिए इससे दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक बात और क्या हो सकती है.
6 महीने तक खाली रहा था जेपीएससी चेयरमैन का पद
अभी देखिए न! जेपीएससी 11वीं सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा का आय़ोजन हुए 8 महीने बीत चुके हैं. रिजल्ट छोड़िए, इसकी सुगबुगाहट तक नहीं आई है.
अगस्त से फरवरी तक बहाना था कि आयोग का चेयरमैन नहीं है.
अब जबकि आयोग का चेयरमैन नियुक्त हो चुका है तो सरकार से जेपीएससी कार्यालय तक मुर्दा शांति पसरी है. 27 फरवरी को पूर्व मुख्य सचिव एल खियांग्ते को नया जेपीएससी चेयरमैन नियुक्त किया गया था. 1 महीने से ज्यादा समय बीत चुका है.
बीच में खबर थी कि चेयरमैन साहब 15 दिन की छुट्टी पर गये हैं. कुछ अभ्यर्थियों का दावा है कि चेयरमैन के छुट्टी पर जाने से पहले उन्होंने उनसे मुलाकात की थी. चेयरमैन ने आश्वासन दिया था कि छुट्टी से लौटने के बाद 4 दिन के भीतर रिजल्ट जारी कर दिया जायेगा. समस्या ये है कि झारखंड में ऐसे 4, 5 या 7 दिन कभी आते ही नहीं.
झारखंड में तारीखों की दुनिया में सरकारी समय सीमा दरअसल, मिसलेनियस हो जाती है. इसका कोई अता पता नहीं मिलता. दूसरी ओर रिजल्ट के इंतजार में लड़कों के बाल सफेद हो रहे हैं तो वहीं लड़कियां अधिकारी बनने का ख्वाब भूलकर घर बसाने को मजबूर है.
लड़कियों को फिर भी मंईयां सम्मान का सहारा है, लड़कों का क्या होगा. वैसे लड़कियों की स्थिति भी बहुत सुखद नहीं है. जिनको मंईयां सम्मान बांटना था, वो मंईयां सम्मान लेती कैसी लगेंगी.
24 जून को ही ली जा चुकी है जेपीएससी सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा
गौरतलब है कि 17 जनवरी 2024 को जेपीएससी ने 11वीं सिविल सेवा परीक्षा का विज्ञापन जारी किया था.
17 मार्च को सभी 24 जिलों में बने 834 परीक्षा केंद्रों में प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन किया गया. 22 अप्रैल को पीटी परीक्षा का रिजल्ट आया जिसमें 7011 अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा के लिए सफल घोषित किए गये.
22 से 24 जून के बीच मुख्य परीक्षा का आयोजन किया गया. 31 जुलाई 2024 को जेपीएससी ने नोटिफिकेशन जारी करके कहा कि अगस्त के दूसरे हफ्ते में रिजल्ट जारी करके इंटरव्यू के लिए बुलाया जायेगा.
इस समय, आय़ोग की अध्यक्ष डॉ. नीलिमा केरकेट्टा हुआ करती थीं. जेपीएससी ने 31 जुलाई को जिस मियाद की बात की थी, वह पूरी हो गयी लेकिन रिजल्ट नहीं आया.
22 अगस्त 2024 को डॉ. नीलिमा केरकेट्टा की सेवानिवृत्ति थी.
अभ्यर्थी अधीर थे कि उनकी सेवानिवृत्ति से पहले मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया जाये. तब भी आयोग ने तेजी नहीं दिखाई. तब ये बात भी परोक्ष रूप से सामने आई थी कि डॉ. केरकेट्टा रिजल्ट तैयार कर चुकी थीं. वह इसे जारी करना चाहती थीं लेकिन आयोग के बाकी सदस्यों ने इस पर दस्तखत नहीं किए.
अब इसकी क्या वजह हो सकती है ये तो आयोग जानता है. सरकार जानती है या फिर खुदा. खैर! 22 अगस्त 2024 को डॉ. नीलिमा केरकेट्टा रिटायर हो गईं और रिजल्ट अटक गया
जेपीएससी रिजल्ट पर सरकार की चुप्पी से बढ़ी अभ्यर्थियों की मुश्किल
इस बीच विधानसभा का चुनाव हुआ. नई सरकार बनी. नया कैबिनेट बना. विधानसभा का विशेष सत्र और फिर बजट सत्र संपन्न हो गया. आयोग को चेयरमैन नहीं मिला.
सवालों पर सरकार के मंत्री कहते रहे कि हम यूं ही किसी को जेपीएससी चेयरमैन जैसे अहम पद पर नहीं बिठा लेंगे जबकि हमें आप्त सचिव की नियुक्ति भी ठोक-बजाकर करने को कहा गया है.
आखिरकार 27 फरवरी को जेपीएससी को नया चेयरमैन मिला.
एल खियांग्ते की इस पद पर नियुक्ति को 1 महीने से ज्यादा वक्त बीत चुका है लेकिन रिजल्ट पर कोई अपडेट नहीं है.
जेपीएससी न तो कोई प्रेस कांफ्रेंस करता है. न ही कोई नोटिस जारी की जाती है. चेयरमैन या उनके सदस्य कुछ नहीं बोलते. सरकार ने चुप्पी साध ली है.
और ये हालत तब है जबकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 28 नवंबर 2024 को ही कहा था कि पहली जनवरी से पहले जेपीएससी और जेएसएससी की सभी लंबित नियुक्तियां पूरी कर ली जायेगी.
सीएम के वादे को 3 महीने बीत गये. क्या इसे ऐसे समझा जाये कि आयोग और अधिकारी सीएम हेमंत की भी नहीं सुनते.
कारण जो भी हो. हजारों अभ्यर्थी परेशान हैं. मुख्य परीक्षा के रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं. आयोग की चुप्पी ने उनको परेशान कर दिया है. वे आशंकाओं से घिरे हैं. उनको उर्जा से भर जाना था लेकिन उनमें भय व्याप्त है.